आइये दोस्तों इस पोस्ट में बात करते हैं हम अमृतसर में घूमने की जगह (Amritsar Me Ghumne Ki Jagah) के बारे में।
भारत के पंजाब प्रांत में स्थित अमृतसर, लुधियाना के बाद राज्य का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। जो सांस्कृतिक धार्मिक और ऐतिहासिक रूप में बहुत ही महत्वपूर्ण है। इस खूबसूरत से शहर में बहुत से पर्यटन स्थल हैं।
अमृतसर के बारे में (About Amritsar)
बहुत से इतिहासकारों का मत है कि अमृतसर की स्थापना सिखों के चौथे गुरु रामदास द्वारा की गई थी।
शायद इसीलिए अमृतसर को गुररामदासपुर भी कहा जाता है।
अमृतसर सिखों का सबसे पवित्र तीर्थ स्थल भी है।
यहाँ पर विश्व प्रसिद्ध गुरुद्वारा स्वर्ण मंदिर स्थित है, जो दुनिया का सबसे बड़ा गुरुद्वारा है।
सिख धर्म ग्रंथो के अनुसार स्वर्ण मंदिर गुरु रामदास का डेरा हुआ करता था।
यह खूबसूरत गुरुद्वारा अमृतसर का हृदय (Heart Of Amritsar) भी माना जाता है।
अमृतसर बहुत सी ऐतिहासिक घटनाओं का साक्षी रहा है जिसमें स्वतंत्रता संग्राम के दौरान जलियांवाला बाग हत्याकांड और भारत-पाकिस्तान बंटवारे के समय हुआ नरसंहार प्रमुख है।
अमृतसर में स्थित अमृतसर पुराना शहर यहाँ का प्रमुख पर्यटन स्थल है।
जिसमें 12 द्वार हैं और यह चारों तरफ से दीवारों से घिरा हुआ है।
यह पुराना अमृतसर शहर सिखों के गौरवशाली इतिहास और संस्कृति को दर्शाता है।
इसके अलावा भी अमृतसर में घूमने की बहुत सी जगह हैं। जिनके बारे में विस्तार से वर्णन किया गया है।
अमृतसर में घूमने की जगह | Amritsar Me Ghumne Ki Jagah
- स्वर्ण मंदिर
- अकाल तख़्त
- जलियांवाला बाग
- इस्कॉन टेंपल
- श्री दुर्गियाना मंदिर
- पार्टीशन संग्रहालय
- गोविंदगढ़ किला
- साड्डा पिंड
- हरिके वेटलैंड और पक्षी अभ्यारण्य
- रामतीर्थ मंदिर
- बाघा बॉर्डर
- महाराजा रणजीत सिंह संग्रहालय
1. स्वर्ण मंदिर (Golden Temple)
अमृतसर का नाम सुनते ही दिमाग में जो एक छवि बनती है वह है स्वर्ण मंदिर की छवि।
असल में अमृतसर जाना ही जाता है स्वर्ण मंदिर के कारण।
स्वर्ण मंदिर सिखों का सबसे पवित्र तीर्थ स्थल है। इस मंदिर का इतिहास 400 वर्ष पुराना है।
इसका निर्माण 1581 में गुरु अर्जन देव ने शुरू कराया था जबकि पूरा चौथे गुरु गुरु रामदास द्वारा 1604 में कराया गया था।
इसके निर्माण में 20 वर्षों से भी अधिक का समय लगा।
स्वर्ण मंदिर की रसोई भारत के किसी भी मंदिर की तुलना में सबसे बड़ी है।
जिसमें प्रतिदिन हजारों लोगों को मुफ्त में भोजन कराया जाता है।
इस मंदिर के ऊपर एक सोने का कवच लगा हुआ है जो महाराजा रणजीत सिंह द्वारा लगवाया गया था।
स्वर्ण मंदिर अमृतसर की धार्मिक एवं सांस्कृतिक विरासत है जो अमृतसर में घूमने की जगह (Amritsar Me Ghumne Ki Jagah) में एक प्रमुख जगह है।
2. अकाल तख्त (Akal Takht)
स्वर्ण मंदिर के बगल में स्थित अकाल तख्त अमृतसर में घूमने की जगह (Amritsar Me Ghumne Ki Jagah) में एक प्रमुख जगह है।
जिसका मूल नाम अकाल बंगा है। जो सिखों का के पांच तख्तों में से एक है।
इस जगह पर सिख धर्म से जुड़ी कई पुरानी एवं पवित्र पुस्तक और लिपियां भी हैं। जो यहाँ का प्रमुख पर्यटक आकर्षण है।
यह स्थान श्रद्धालुओं के लिए सुबह 5:00 बजे से रात 10:00 बजे तक खुला रहता है।
3. जलियांवाला बाग (Jalianwala Bagh)
अमृतसर में जलियांवाला बाग भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान हुए एक भयंकर नरसंहार का साक्षी है।
इसी बाग में सन 1919 में बैसाखी (Baisakhi) के दिन हजारों की संख्या में बच्चे, बुजुर्ग और युवा इकट्ठा हुए थे।
फिर इस बात को ब्रिटिश सेना (British Army) ने घेर लिया और इन हजारों लोगों पर गोलियां चला दीं और हजारों लोगों ने अपने प्राण गवा दिए।
इन भारतीयों की याद में यहाँ पर एक स्मारक भी बनाया गया है जो की जलियांवाला बाग का प्रमुख आकर्षण है।
यह बाग़ चारों तरफ से ऊंची दीवार से गिरा हुआ है।
यहाँ आप सुबह 6:30 से शाम 7:30 बजे तक कभी भी जा सकते हैं यहाँ का प्रवेश निशुल्क है।
4. इस्कॉन टेंपल (Iskcon Temple)
अमृतसर के केंद्र में स्थित यह मंदिर शहर में हिंदुओं का प्रमुख धार्मिक स्थल है जो राधा रानी और भगवान कृष्ण को समर्पित है।
इस खूबसूरत मंदिर को श्री गौर राधा कृष्ण मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।
जहाँ श्रद्धालुओं की दिनभर भारी भीड़ रहती है।
5. श्रीदुर्गियाना मंदिर (Shri Durgiana Temple)
अमृतसर में स्वर्ण मंदिर की तरह दिखने वाला यह मंदिर शहर में हिंदुओं का सबसे लोकप्रिय मंदिर है।
जिसे लक्ष्मीनारायण मंदिर भी कहा जाता है। माता माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु को समर्पित इस मंदिर में देवी दुर्गा की भी बड़ी प्रतिमा स्थापित की गई है।
देवी दुर्गा की इसी प्रतिमा के कारण इस मंदिर का नाम दुर्गियाना मंदिर रखा गया है।
अमृतसर में शांति और आध्यात्मिकता के लिए प्रसिद्ध यह मंदिर एक सरोवर के किनारे बना हुआ है।
लोगों का मानना है कि इस सरोवर में स्नान से पिछले जन्मों के भी पाप धुल जाते हैं।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इसी जगह पर भगवान राम के पुत्र लव और कुश का युद्ध भरत, शत्रुघ्न और लक्ष्मण के साथ हुआ था।
श्री दुर्गियाना मंदिर अमृतसर में घूमने की जगह (Amritsar Me Ghumne Ki Jagah) में से एक लोकप्रिय जगह है। जिसे दूसरा स्वर्ण मंदिर भी कहा जाता है।
इस मंदिर में दशहरा, जन्माष्टमी, रामनवमी और दीपावली के त्यौहार बहुत ही धूमधाम से मनाए जाते हैं तथा यहाँ पर रोज विशाल लंगर का भी आयोजन होता है।
6. पार्टीशन संग्रहालय (Partition Museum)
अमृतसर का यह संग्रहालय अपने आप में एक अनूठा संग्रहालय है जहाँ भारत-पाकिस्तान विभाजन से संबंधित स्मृतियां और तथ्यों को संजोकर रखा गया है।
इसीलिए यह संग्रहालय अमृतसर में इतिहास प्रेमियों के लिए एक लोकप्रिय गंतव्य बन गया है।
जहाँ साल में लाखों लोग देश-विदेश से जाते हैं।
यहाँ का प्रवेश शुल्क भारतीयों के लिए ₹10 जबकि विदेशी पर्यटकों के लिए 250 रुपए है।
7. गोविंदगढ़ किला (Govindgarh Kila)
गोविंदगढ़ किला अमृतसर का प्रमुख ऐतिहासिक धरोहर है जो अमृतसर की आन-बान-शान और गौरव है।
इसका नाम सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोविंद सिंह के नाम पर रखा गया है।
यहाँ पर गुरु गोविंद सिंह (Guru Govind Singh) की समाधि भी स्थित है।
1760 में इस भव्य किले का निर्माण गुर्जर सिंह ने करवाया था। जो अब भारतीय सेना के कब्जे में है।
इस किले में एक संग्रहालय भी है। जिसमें आप अमृतसर से राजघरानों के पहनावे और रहन-सहन से जुड़ी वस्तुएं देख सकते हैं। और यहाँ युद्ध में प्रयोग की गई पुरानी तोपें भी देखी जा सकती हैं।
गोविंदगढ़ किला अमृतसर में घूमने की जगह (Amritsar Me Ghumne Ki Jagah) में सबसे लोकप्रिय जगह है।
यह किला सुबह 10:00 बजे से रात 10:00 बजे तक खुला रहता है।
यहाँ का प्रवेश शुल्क भारतीयों के लिए ₹150 व्यक्ति विदेशी पर्यटकों के लिए ₹1000 है।
8. साड्डा पिंड (Sadda Pind)
यदि आप अपना समय पंजाब के गांव में बिताना चाहते हैं और वहां के ग्रामीण वातावरण, सभ्यता, रहन-सहन और खान-पान का आनंद लेना चाहते हैं तो अमृतसर के निकट स्थित है साड्डा पिंड गांव जिसे पंजाबी गांव भी कहा जाता है उसके लिए एक उचित विकल्प है।
यहाँ हर उम्र के लोगों के लिए कुछ ना कुछ मनोरंजन दायक अवश्य है।
इस गांव में आप पंजाब के स्वादिष्ट ग्रामीण व्यंजनों का भी आनंद ले सकते हैं।
इस गांव में प्रवेश टिकट के आधार पर होता है यहाँ बच्चों का प्रवेश शुल्क ₹700 जबकि वयस्कों के लिए 850 रुपए हैं।
साड्डा पिंड अमृतसर में घूमने की जगह (Amritsar Me Ghumne Ki Jagah) में एक शानदार एवं आनंददायक जगह है।
9. हरिके वेटलैंड और पक्षी अभ्यारण्य (Harike Wetland and Bird Sanctuary)
जो लोग वाइल्ड लाइफ को देखना चाहते हैं उनके लिए यह अभ्यारण किसी स्वर्ग से कम नहीं है।
हरिके वेटलैंड और पक्षी अभ्यारण्य पंजाब ही नहीं बल्कि पूरे उत्तर भारत का सबसे बड़ा वेटलैंड है।
जहाँ सात प्रकार के कछुओं की प्रजातियां देखी जा सकती हैं।
यह खूबसूरत अभ्यारण मानव निर्मित है ,जहाँ बहुत सारे जीव जंतुओं की अनेकों प्रजातियों को भी देखा जा सकता है।
10. रामतीर्थ मंदिर (Ramtirth Temple)
यह मंदिर अमृतसर का खूबसूरत एवं अलौकिक मंदिर है। जिसका निर्माण त्रेता युग के आधार पर कराया गया है।
यह मंदिर महर्षि वाल्मीकि को समर्पित है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार यह मंदिर प्राचीन काल में महर्षि वाल्मीकि आश्रम हुआ करता था।
भगवान राम के द्वारा त्यागे जाने पर माता सीता ने यहीं पर आश्रय लिया था, तथा अपने दोनों पुत्र लव और कुश को जन्म भी यहीं पर दिया था और उनकी शिक्षा दीक्षा भी यहीं पर हुई थी।
यह मंदिर एक सरोवर के बीचो-बीच बना हुआ है ,इस सरोवर की खुदाई स्वयं हनुमान जी ने की थी।
वैदिक वातावरण और झोपड़ियां से सुसज्जित यह मंदिर अमृतसर में शांतिमय वातावरण वाली जगह है।
यहाँ पूरे दिन मन्त्रों का उच्चारण होता रहता है।
जिसके कारण यहाँ का माहौल बहुत ही धार्मिक एवं सुकून दायक रहता है।
यहाँ पूरे दिन श्रद्धालुओं का आवागमन होता रहता है।
11. बाघा बॉर्डर (Bagha Border)
भारत-पाकिस्तान के बॉर्डर को अमृतसर में बाघा बॉर्डर के नाम से जाना जाता है।
जो अमृतसर का प्रमुख पर्यटन स्थल है। अमृतसर आने वाला पर्यटक वाघा बॉर्डर अवश्य घूमने जाता है।
अमृतसर से 27 किलोमीटर की दूरी पर स्थित वाघा बॉर्डर तक जाने के लिए आपको टैक्सी और कब आसानी से मिल जाएगी।
यहाँ शाम के समय सूर्यास्त से पहले भारतीय सेना (Indian Army) द्वारा परेड का आयोजन होता है।
जिसमें देशभक्ति के गाने भी बजाते हैं। पर्यटक इन गानों पर झूमते हैं और सेना का उत्साहवर्धन करते हैं।
यह परेड वाघा बॉर्डर का प्रमुख पर्यटक आकर्षण है।
बाघा बॉर्डर अमृतसर में घूमने की जगह (Amritsar Me Ghumne Ki Jagah) में एक प्रमुख जगह है।
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12. महाराजा रणजीत सिंह संग्रहालय (Maharaja Ranjit Singh Museum)
अमृतसर के महाराजा रणजीत सिंह संग्रहालय को समर पैलेस (Summer Palace) के नाम से भी जाना जाता है।
रामबाग गार्डन से घिरे हुए इस इस पैलेस में महाराजा रणजीत सिंह से जुड़ी बहुत सी वस्तुओं को देखा जा सकता है।
इन सब के अलावा आप महाराजा रणजीत सिंह की सेना और युद्ध के बारे में भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
यह संग्रहालय सुबह 10:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक खुला रहता है और यहाँ सोमवार को साप्ताहिक अवकाश रहता है।
यहाँ का प्रवेश शुल्क मात्र ₹10 है।
अमृतसर कैसे पहुंचे (How To Reach Amritsar)
आप अमृतसर घूमने का मन बना चुके तो आपको बता दें कि अमृतसर जाने के लिए आप वायु मार्ग, रेल मार्ग और सड़क मार्ग में से किसी भी माध्यम का उपयोग कर सकते हैं।
सबसे पहले बात करते हैं वायु मार्ग की तो बता दें कि अमृतसर में रामदास अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (Ramdas Internation Airport) स्थित है जो देश के सभी प्रमुख हवाई अड्डे से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।
अमृतसर में रेल नेटवर्क का विस्तार भी सुचारु ढंग से हुआ है अमृतसर में स्थित अमृतसर जंक्शन रेलवे स्टेशन जो अमृतसर को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ता है।
अमृतसर सड़क मार्ग द्वारा भी देश के सभी हिस्सों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।
जिसके माध्यम से आप राज्य परिवहन की बसों से या खुद के वाहन से भी अमृतसर आसानी से पहुंच सकते हैं।
अमृतसर के अंदर स्थानीय परिवहन भी पूरी तरह से विकसित है। जिससे आप अमृतसर के प्रमुख पर्यटन स्थलों तक भी आसानी से पहुंच सकते हैं।
अमृतसर कब जाना चाहिए (When should one go to Amritsar)
आप साल के किसी भी महीने में अमृतसर जा सकते हैं।
अमृतसर घूमने का खर्चा (Cost of visiting Amritsar)
अमृतसर घूमने के लिए प्रति व्यक्ति ₹8000 से ₹12000 तक का खर्चा आ सकता है।
यह खर्चा कम या ज्यादा भी हो सकता है। जो आपके आने-जाने, रुकने, खाने-पीने और घूमने के साधनों पर निर्भर करेगा।
FAQs
पंजाब का खूबसूरत शहर अमृतसरअपनी कला, संस्कृति और साहित्य के लिए प्रसिद्ध है। अमृतसर में स्थित स्वर्ण मंदिर जो कि सिख धर्म का सबसे पवित्र गुरुद्वारा है। जो अमृतसर को दुनिया में एक नई पहचान दिलाता है।
स्वर्ण मंदिर के निर्माण कार्य की शुरुआत सन 1881 में गुरु अर्जन देव द्वारा की गयी थी। जबकि सिखों के चौथे गुरु गुरु रामदास द्वारा 1604 में इसके निर्माण कार्य को पूरा कराया गया था।
लंगर का प्रसाद, अमृतसरी कुल्चा, छोला पूड़ी और अमृतसरी फिश टिक्का अमृतसर के प्रसिद्ध व्यंजन है।
स्वर्ण मंदिर, साड्डा पिंड, जलियांवाला बाग, अकाल तख़्त, श्री दुर्गियाना मंदिर और गोविंदगढ़ किला अमृतसर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल हैं।
लाहौरी गेट मार्केट अमृतसर का प्रसिद्ध बाजार है जहाँ पर्यटक भारी संख्या में अपनी जरूरत की वस्तुएं खरीदने आते हैं।
निष्कर्ष (Conclusion)
इस पोस्ट में अमृतसर में घूमने की जगह (Amritsar Me Ghumne Ki Jagah) के बारे में विस्तार से बताया गया है।
साथ ही यह भी बताया गया है कि अमृतसर कैसे पहुंच जा सकता है, अमृतसर कब जाना चाहिए और अमृतसर घूमने का कितना खर्चा होगा।
आशा करता हूं कि मेरे द्वारा दी गई जानकारी आपकी अमृतसर यात्रा के दौरान काम आएगी और आपकी यात्रा को सुगम बनाएंगी।
आपको इस पोस्ट में कोई त्रुटि लगे या कोई सुझाव हो तो मुझे कमेंट करके अवश्य बताइएगा।