दोस्तों इस पोस्ट में हम बात करेंगे उड़ीसा में घूमने की जगह (Odisha Me Ghumne Ki Jagah) के बारे में।
उड़ीसा भारत के पूर्वी तट पर स्थित एक खूबसूरत राज्य है। जहाँ कई सारे धार्मिक और पर्यटन स्थल हैं।
अगर आप उड़ीसा घूमने का प्लान बना रहे हैं तो यह पोस्ट आपके लिए ही है।
इस पोस्ट में मैं आपको बताऊंगा उड़ीसा के खूबसूरत पर्यटन स्थलों के बारे में।
उड़ीसा के बारे में (About Odisha)
अपनी कला, संस्कृति, त्यौहार एवं पवित्र मंदिरों के लिए प्रसिद्ध उड़ीसा भारत के 28 राज्यों में से एक है। जिसे प्राचीन काल में कलिंग और उत्कल के नाम से जाना जाता था।
यहाँ के खूबसूरत मंदिर उड़ीसा को एक नई पहचान दिलाते हैं। उड़ीसा ऐतिहासिक रूप से भी बहुत महत्वपूर्ण है।
उड़ीसा की ही धरती पर आक्रमण करने के बाद अशोक का हृदय परिवर्तन हुआ था और उन्होंने कभी युद्ध न करने और शांति का संदेश देने का प्रण लिया था।
उड़ीसा की भूमि प्राकृतिक खनिजों से भरी पड़ी है। उड़ीसा को त्योहारों एवं धान की खेती की वजह से भी ख्याति प्राप्त है।
इस खूबसूरत उड़ीसा राज्य में एक से बढ़कर एक खूबसूरत पर्यटन स्थल भी हैं।
इस आर्टिकल में इन्हीं पर्यटन स्थलों के बारे में विस्तार से बताया गया है।
उड़ीसा में घूमने की जगह | Odisha Me Ghumne Ki Jagah
- पुरी
- कोणार्क
- भुवनेश्वर
- चिल्का झील
- भितरकणिका राष्ट्रीय उद्यान
- नंदनकानन जूलॉजिकल पार्क
- उदयगिरि और खंडगिरि गुफाएं
- सिमलीपाल राष्ट्रीय उद्यान
- हीराकुंड बाँध
1. पुरी (Puri)
पुरी हिंदू धर्म का एक पवित्र स्थल है जो हिंदुओं के चार धामों में से एक है।
हिंदू धर्म ग्रंथो के अनुसार पुरी भगवान शिव (Lord Shiva) का विश्राम स्थल हुआ करता था। जिस कारण इसका धार्मिक एवं सांस्कृतिक महत्व और भी बढ़ जाता है।
पुरी में बहुत सारे मंदिर हैं जिनमें जगन्नाथ मंदिर, गुंडेचा मंदिर, कोणार्क मंदिर, लोकनाथ मंदिर और अर्सनी मंदिर प्रमुख हैं।
इन मंदिरों में यहाँ की संस्कृति के अनुसार बहुत से त्योहारों का भी आयोजन होता है।
यहाँ के इन त्योहारों में भाग लेने और तीर्थ यात्रा करने के लिए लाखों लोग साल में पुरी जाते हैं।
इन त्योहारों में भगवान जगन्नाथ मंदिर में मनाए जाने वाला त्योहार का बहुत महत्व है जिनमें विश्व प्रसिद्ध रथ यात्रा और बहुदा यात्रा भी शामिल है।
पुरी के इन मंदिरों की बनावट और वास्तुकला भी श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करती है।
इन पवित्र तीर्थ स्थलों के अलावा बंगाल की खाड़ी के किनारे बसे पुरी शहर में खूबसूरत समुद्र तट भी हैं।
जिनकी सुंदरता देखते ही बनती है। इन समुद्र तटों पर आप दोस्तों और परिवार के साथ समय व्यतीत कर सकते हैं।
धार्मिक एवं सांस्कृतिक दृष्टिकोण से पुरी उड़ीसा में घूमने की जगह (Odisha Me Ghumne Ki Jagah) में एक खास जगह है।
जहाँ आपको एक बार अवश्य जाना चाहिए।
पुरी कैसे पहुँचे
उड़ीसा के पुरी शहर तक आप वायु मार्ग, रेल मार्ग और सड़क मार्ग द्वारा आसानी से पहुंच सकते हैं।
भुवनेश्वर में स्थित बीजू पटनायक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की पुरी शहर से दूरी महज 60 किलोमीटर है जो देश के सभी शहरों से जुड़ा हुआ है।
पुरी में पुरी रेलवे स्टेशन भी स्थित है जो पुरी को देश के सभी शहरों से जोड़ता है।
सड़क मार्ग द्वारा भी पुरी उड़ीसा के सभी हिस्सों से जुड़ा हुआ है जिससे आप पुरी शहर राज्य परिवहन की बसों से या टैक्सी से आसानी से पहुंच सकते हैं।
पुरी घूमने के लिए सितंबर से मार्च तक का समय उचित होता है। इस समय यहाँ पर्यटकों और श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है।
2. कोणार्क (Konark)
कोणार्क उड़ीसा राज्य के पुरी जिले का एक छोटा सा शहर है जो अपने विश्व प्रसिद्ध सूर्य मंदिर (Sun Temple) के लिए जाना जाता है।
सूर्य नारायण को समर्पित इस मंदिर को यूनेस्को (Unesco) द्वारा विश्व धरोहर स्थल भी घोषित किया गया है।
साथ ही यह सूर्य मंदिर भारत के सात अजूबों में से एक है। इस मंदिर की नक्काशी और वास्तुकला इसको एक दर्शनीय स्थल बनाते हैं। जिसे देखने के लिए साल में लाखों लोग कोणार्क जाते हैं।
इस मंदिर के परिसर में सर्दियों के मौसम में एक नृत्य महोत्सव का आयोजन होता है जिस दौरान उड़िया शास्त्रीय नृत्य किया जाता है और मंदिर का परिसर नर्तकियों के घुंघरूओं से गूंज उठता है।
सूर्य मंदिर के अलावा कोणार्क में स्थित चंद्रभामा बीच भी एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। जहाँ आप परिवार और दोस्तों के साथ आनंद ले सकते हैं।
कोणार्क उड़ीसा में घूमने की जगह (Odisha Me Ghumne Ki Jagah) में एक प्रमुख जगह है।
भुवनेश्वर के बीजू पटनायक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से कोणार्क 60 किलोमीटर और अपने निकटतम पुरी रेलवे स्टेशन से 35 किलोमीटर दूर है। जहाँ से टैक्सी भाड़े पर लेकर आप आसानी से कोणार्क पहुंच सकते हैं।
सितंबर से मार्च का समय कोणार्क घूमने (Konark Tourist) के लिए उचित होता है।
3. भुवनेश्वर (Bhubneshwar)
अपनी उड़ीसा यात्रा के दौरान आपको भुवनेश्वर अवश्य जाना चाहिए।
उड़ीसा की राजधानी भुवनेश्वर देश का एक लोकप्रिय पर्यटक गंतव्य है। जहाँ साल में लाखों लोग घूमने के लिए जाते हैं।
उड़ीसा के पर्यटन स्थलों में लिंगराज मंदिर, धौली हिल्स, ट्राइबल म्यूजियम, उदयगिरि और खंडगिरि गुफाएं प्रमुख आकर्षण है।
अगर धार्मिक स्थलों की बात करें तो भुवनेश्वर में लिंगराज मंदिर यहाँ का प्रमुख मंदिर है।
जो भगवान त्रिभुवनेश्वर को समर्पित है। इसीलिए इस शहर का नाम भुवनेश्वर रखा गया है।
12वीं सदी में बने इस मंदिर के कुछ ऐसे 1400 वर्ष पुराने भी हैं। साथ ही इस मंदिर का वर्णन छठी शताब्दी के कुछ लेखों में भी मिलता है। लिंगराज मंदिर सदियों से शैव संप्रदाय का केंद्र है। भुवनेश्वर उड़ीसा में घूमने की जगह (Udisha Me Ghumne Ki Jagah) है। भुवनेश्वर में स्थित बीजू पटनायक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा देश के प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।
रेल मार्ग द्वारा भी भुवनेश्वर देश के सभी हिस्सों से जुड़ा हुआ है। भुवनेश्वर में स्थित भुवनेश्वर जंक्शन रेलवे स्टेशन शहर का प्रमुख रेलवे स्टेशन है। जिसके माध्यम से आप भुवनेश्वर आसानी से पहुंच सकते हैं।
भुवनेश्वर में स्थानीय परिवहन भी सुचारू रूप से काम करता है जिससे आप शहर के सभी प्रमुख पर्यटन स्थलों तक आसानी से पहुंच सकते हैं।
4. चिल्का झील (Chilika Jheel)
चिल्का झील उड़ीसा राज्य में स्थित एक खूबसूरत पर्यटन स्थल है। जहाँ आप दोस्तों और परिवार के साथ घूमने के लिए जा सकते हैं।
बंगाल की खाड़ी के निकट स्थित चिल्का झील एक तटीय झील है। जहाँ का नजारा बहुत ही खूबसूरत एवं मनमोहक है।
इस झील के पास पाए जाने वाले राजहंस और किंगफिशर जैसे जानवर यहाँ पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।
1100 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैली हुई इस झील का विस्तार उड़ीसा के तीन जिलों पुरी, खुर्दा और गंजम में है।
यह झील प्रवासी पक्षियों के लिए भारत में सबसे प्रमुख जगह है।
यह झील पक्षी प्रेमियों एवं प्राकृतिक प्रेमियों, बच्चों एवं बुजुर्गों सभी के लिए एक खूबसूरत पर्यटन स्थल है।
5. भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान (Bhitarkanika National Park)
उड़ीसा में घूमने की जगह (Odisha Me Ghumne Ki Jagah) में भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान एक खूबसूरत स्थान है।
इस शांतिमय वातावरण वाले स्थान पर रंग-बिरंगे पक्षी और समुद्री कछुआ के साथ-साथ खूबसूरत हरियाली इसे एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल बनाते हैं।
यहाँ पर मगरमच्छों को भी देखा जा सकता है।
भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान प्राचीन काल में कनिका नामक राज्य में स्थित था।
यहाँ कनिका के शासक शिकार करने जाया करते थे।
यहाँ के रंग-बिरंगे पक्षी और हरियाली ही प्रमुख पर्यटक आकर्षण है।
6. नंदनकानन जूलॉजिकल पार्क (Nandankanan Zoological Park)
नंदनकानन जूलॉजिकल पार्क पूरे भारत में अपनी खूबसूरती के लिए प्रसिद्ध है।
इस नेशनल पार्क में बहुत से जानवर रहते हैं जिनमें बब्बर शेर, सफेद शेर, अजगर और मगरमच्छ प्रमुख हैं।
जिन्हें देखने के लिए दूर-दूर से पर्यटक उड़ीसा आते हैं। पर्यटक यहाँ जंगल सफारी का भी आनंद ले सकते हैं।
नंदनकानन जूलॉजिकल पार्क उड़ीसा की राजधानी भुवनेश्वर में स्थित है जो उड़ीसा में घूमने की जगह में एक प्रमुख जगह है।
7. उदयगिरि और खंडगिरि गुफाएं (Udayagiri and Khandagiri Caves)
भुवनेश्वर के निकट स्थित उदयगिरि और खंडगिरी गुफाएं उड़ीसा में घूमने की जगह में एक महत्वपूर्ण जगह है।
इन गुफाओं का निर्माण जैन धर्म (Jainism) के अनुयायियों द्वारा कराया गया था।
उदयगिरि का अर्थ होता है सूर्योदय का पहाड़ और खंडगिरी का मतलब टूटा हुआ पहाड़ होता है।
उदयगिरि पर्वत पर 18 गुफाओं का समूह जबकि खंडगिरि पर्वत पर 15 गुफाओं का समूह में स्थित है।
इन गुफाओं को देखने के लिए साल में लाखों लोग भुवनेश्वर जाते हैं।
8. सिमलीपाल राष्ट्रीय उद्यान (Simlipal National Park)
उड़ीसा के मयूरभंज जिले में स्थित सिमलीपाल राष्ट्रीय उद्यान यूनेस्को (Unesco) द्वारा घोषित बायोस्फियर रिज़र्व है।
यह नेशनल पार्क 90 से अधिक बंगाली शेरों और 400 से अधिक है हाथियों का निवास स्थान है।
इसके अलावा यहाँ बारहसिंघा और जंगली सांड़ भी रहते हैं।
इस नेशनल पार्क के बीचो-बीच एक झरना भी है जो पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करता है।
इस खूबसूरत नेशनल पार्क में पर्यटक जंगल सफारी का भी आनंद ले सकते हैं।
सिमलीपाल राष्ट्रीय उद्यान उड़ीसा में घूमने की जगह (Udisha Me Ghumne Ki Jagah) में खूबसूरत जगह है।
जो प्राकृतिक प्रेमियों के बीच बहुत ही ज्यादा लोकप्रिय है।
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Indore Me Ghumne Ki Jagah | इंदौर में घूमने की जगह
9. हीराकुंड बाँध (Hirakund Dam)
हीराकुंड बाँध भारत के सबसे बड़े बांधों में से एक है जो उड़ीसा में महानदी (Mahanadi) के ऊपर बना हुआ है।
1957 में निर्मित यह बाँध उड़ीसा का एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है।
इस बाँध के निकट एक बड़ा कृत्रिम जलाशय है। यह जलाशय एशिया का सबसे बड़ा मानव निर्मित जलाशय है।
बाँध के अंदर का नजारा देखने के लिए 21 किलोमीटर लंबी ड्राइव थ्रू सड़क (Drive Through Road) भी है जो प्रमुख पर्यटक आकर्षण है।
हीराकुंड बांध उड़ीसा में घूमने की जगह (Odisha Me Ghumne Ki Jagah) में एक खूबसूरत जगह है।
उड़ीसा कैसे पहुंचे (How To Reach Odisha)
अगर आपने उड़ीसा के खूबसूरत पर्यटन स्थलों पर घूमने का मन बना लिया है तो बता दें कि उड़ीसा वायुमार्ग, रेल मार्ग और सड़क मार्ग से देश के सभी हिस्सों से जुड़ा हुआ है।
उड़ीसा की राजधानी भुवनेश्वर में स्थित बीजू पटनायक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा देश के सभी शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।
रेल मार्ग से भी उड़ीसा देश के बाकी हिस्सों से भली-भाँति जुड़ा हुआ है।
भुवनेश्वर,रेलवे स्टेशन, कटक रेलवे स्टेशन और पूरी रेलवे स्टेशन उड़ीसा के प्रमुख रेलवे स्टेशन है।
जहाँ से देश के सभी हिस्सों के लिए रेलगाड़ियों का आवागमन होता है।
उड़ीसा में सड़कों का जाल भी व्यवस्थित क्रम में बिछा हुआ है।
जिसके माध्यम से आप टैक्सी या राज्य परिवहन की बसों द्वारा अपने पसंदीदा पर्यटन स्थल तक जा सकते हैं।
उड़ीसा घूमने का सही समय (Best time to visit Odisha)
सितम्बर से मार्च का समय उड़ीसा घूमने के लिए अनुकूल माना जाता है और आप उड़ीसा के पर्यटन स्थलों तक आसानी से आवागमन भी कर सकते हैं।
इसके अलावा उड़ीसा के पवित्र मंदिरों पर समय-समय पर त्योहारों का आयोजन होता है।
आप इन त्योहारों के अनुसार भी उड़ीसा जा सकते हैं।
उड़ीसा में घूमने का खर्चा (Cost of traveling in Odisha)
उड़ीसा में घूमने के लिए प्रति व्यक्ति ₹12000 से 18000 रुपए तक का खर्चा हो सकता है।
यह खर्चा कम या ज्यादा भी हो सकता है। जो आपके आने-जाने, खाने-पीने और घूमने के साधनों पर निर्भर करेगा।
उड़ीसा के प्रसिद्ध व्यंजन (Famous dishes of Odisha)
उड़ीसा के परंपरागत व्यंजन बहुत ही स्वादिष्ट होते हैं। आपको अपनी उड़ीसा यात्रा के दौरान इन व्यंजनों का स्वाद अवश्य चखना चाहिए। उड़ीसा के इन पारंपरिक व्यंजनों में दही-बड़ा, आलू-दम, सेल पूड़ी और रसगुल्ला प्रमुख है।
इसके अलावा उड़ीसा में पानी पुरी और स्वीट फूड का भी स्वाद लेना ना भूलें।
FAQs
धार्मिक दृष्टिकोण से उड़ीसा बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है उड़ीसा में पुरी नामक स्थान हिंदुओं के चार धामों में से एक है। पुरी में ही विश्व प्रसिद्ध भगवान जगन्नाथ का मंदिर है। इसके अलावा पुरी में ही कोणार्क का सूर्य मंदिर है जो यूनेस्को द्वारा धरोहर घोषित किया गया है। प्रसिद्ध मंदिरों के अलावा भारत के पूर्वी तट पर स्थित उड़ीसा में पर्यटक यहाँ के समुद्री तटों पर वॉटर स्पोर्ट्स का आनंद ले सकते हैं।
भारत के पूर्वी समुद्र तट पर स्थित उड़ीसा राज्य अपनी कला, संस्कृति, धार्मिक स्थलों और समुद्री किनारो के लिए प्रसिद्ध है। साथ ही उड़ीसा में खनिजों के अयस्क भी प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं।
1 अप्रैल 1936 को बंगाल से अलग करके एक नया राज्य उड़ीसा बनाया गया था।
महानदी, स्वर्णरेखा नदी. भार्गवी नदी, ब्राह्मणी नदी, दया नदी, देवी नदी और घमारी नदी उड़ीसा की प्रमुख नदियां हैं।
निष्कर्ष (Conclusion)
इस पोस्ट में उड़ीसा में घूमने की जगह के बारे में विस्तार से बताया गया है।
साथ ही यह भी बताया गया है कि आप उड़ीसा कैसे पहुंच सकते हैं, उड़ीसा कब जाना चाहिए, उड़ीसा में घूमने का कितना खर्चा होगा और उड़ीसा के प्रसिद्ध व्यंजन कौन-कौन से हैं।
यह जानकारी आपको उड़ीसा यात्रा के दौरान काम आएगी और आपकी यात्रा को सुगम बनाएगी।
आशा करता हूं कि आपको मेरे द्वारा दी गई जानकारी पसंद आई होगी।
आपको मेरी इस पोस्ट में कोई त्रुटि लगे या कोई सुझाव हो तो मुझे कमेंट करके अवश्य बताइएगा।
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