आइये दोस्तों अपने सफ़र में आज बात करते हैं गंगटोक में घूमने की जगह (Gangtok Me Ghumne Ki Jagah) के बारे में।
गंगटोक भारत के खूबसूरत राज्य सिक्किम की राजधानी है।
हिमालय की गोद में बसा हुआ गंगटोक शहर अपनी कला, संस्कृति और सभ्यता तथा प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है।
गंगटोक के बारे में
भारत के सिक्किम राज्य में स्थित गंगटोक सिक्किम राज्य का सबसे बड़ा शहर और राजधानी है।
यहाँ के मूल निवासी बौद्ध धर्म के अनुयायी है।
हिमालय की शिवालिक पहाड़ियों के बीच में बसा हुआ गंगटोक भारत का एक प्रसिद्ध हिल स्टेशन और हनीमून डेस्टिनेशन है।
इसकी खूबसूरती देखने के लिए साल में लाखों लोग गंगटोक जाते हैं।
गंगटोक विश्व की तीसरी सबसे ऊंची चोटी कंचनजंगा का दृश्य काफी खूबसूरत दिखता है।
जो गंगटोक पर्यटन का प्रमुख आकर्षण है। इसके अलावा भी गंगटोक में घूमने लायक बहुत सी जगह (Gangtok Me Ghumne Ki Jagah) है।
गंगटोक में घूमने की जगह (Gangtok Me Ghumne Ki Jagah)
भारत के महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों में से एक गंगटोक में घूमने की बहुत सी जगह है जो निम्नवत हैं।
- रूमटेक मठ
- डो- ड्रूल-चार्टेन
- त्सोम्गो झील
- नाथुला दर्रा
- Tashi व्यूपॉइंट पॉइंट
- महात्मा गांधी मार्ग
- तिब्बती संस्कृति संग्रहालय
- हिमालयन जूलॉजिकल गार्डन
- कंचनजंगा
- बाबा हरभजन सिंह मंदिर
रूमटेक मठ
रूमटेक मठ बौद्ध धर्म का एक प्राचीन मठ है। जो बौद्ध धर्म के विश्व प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों में से एक है।
यह मठ गंगटोक में बौद्ध धर्म के अनुयायियों की विरासत के बारे में बहुत कुछ बताता है।
रूमटेक मठ गंगटोक में शांतिमय वातावरण वाला पर्यटन स्थल है।
इसके परिसर में आपको बौद्ध धर्म से जुड़े मंत्रों का उच्चारण सुनने को मिलेगा।
आप यहाँ भगवान बुद्ध की प्रार्थना सत्र में भाग ले सकते हैं।
इसके अलावा अन्य धार्मिक अनुष्ठानों में भी भाग ले सकते हैं तथा बौद्ध धर्म के बारे में विस्तार से जानकारियां भी बटोर सकते हैं।
रूमटेक मठ में मोंक क्वार्टर के अंदर स्थित गोल्डन स्तूप यहाँ का प्रमुख आकर्षण है।
रूमटेक मठ गंगटोक में घूमने की जगह (Gangtok Me Ghumne Ki Jagah) में सबसे प्रमुख जगह है।
जब भी आप गंगटोक जाएँ रूमटेक मठ अवश्य जाएँ।
डो-ड्रूल-चार्टेन
गंगटोक में तिब्बती बुद्धिस्म पद्धति में बना एक खूबसूरत बौद्ध मठ है।
जो यह दर्शाता है कि गंगटोक और सिक्किम में बौद्ध धर्म का प्रभाव किस स्तर का है।
इस खूबसूरत मठ की स्थापना 1945 ईस्वी में कराई गई थी। तब से यह मठ गंगटोक क्षेत्र के प्रमुख बौद्ध मठों में शुमार है।
अगर आप अपनी गंगटोक यात्रा के दौरान शांत वातावरण में समय बिताना चाहते हैं तो डो- ड्रूल-चार्टेन एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
यहाँ 108 प्रार्थना चक्र है जोकि इस बौद्ध मठ का प्रमुख आकर्षण है।
अपनी यात्रा के दौरान आप यहाँ आकर प्रार्थना करते हुए इन 108 चक्र को घुमाकर ध्यान कर सकते हैं।
डो- ड्रूल-चार्टेन गंगटोक में घूमने की एक प्रमुख जगह (Gangtok Me Ghumne Ki Jagah) है।
त्सोम्गो झील
त्सोम्गो झील गंगटोक का एक प्रमुख पिकनिक स्पॉट है।
गंगटोक में परिवार के साथ समय बिताने के लिए यह झील एक सही विकल्प है।
हिमालय की पहाड़ियों के बीच में स्थित यह झील गंगटोक के सबसे रमणीय स्थान में से एक है।
इस झील के झिलमिलाते पानी की वजह से इसका रंग बदलता हुआ नजर आता है।
इसीलिए इसे रंग बदलने वाली झील भी कहा जाता है। इस झील के पास आप याक की सवारी भी कर सकते हैं।
त्सोम्गो झील गंगटोक में फोटोग्राफी के लिए एक अच्छा विकल्प है।
नाथुला दर्रा
गंगटोक में 55 किलोमीटर की दूरी पर स्थित नाथुला दर्रा सिक्किम को तिब्बत से जोड़ता है।
14000 फीट की ऊंचाई पर स्थित यह दर्रा प्राचीन काल में एक प्रमुख व्यापारिक मार्ग हुआ करता था।
वर्तमान में यह भारत चीन अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित है।
अगर आप गंगटोक गए और नाथुला दर्रा नहीं गए तो आपकी गंगटोक की यात्रा अधूरी मानी जाएगी।
यहाँ सिर्फ भारतीय पर्यटकों को ही जाने की अनुमति है विदेशी पर्यटकों को नहीं।
यहाँ घूमने के लिए एक पास की जरूरत होती है जो कि आसानी से मिल जाता है।
नाथुला दर्रे से आप भारत चीन के सैनिकों की गतिविधियों को भी अच्छे से देख सकेंगे।
गंगटोक से नाथुला जाते हुए रास्ते में ही त्सोम्गो झील की सुंदरता भी देख सकते हैं।
नाथुला सिक्किम में घूमने की प्रमुख जगह (Sikkim Me Ghumne Ki Jagah) है।
ताशी व्यू प्वाइंट
गंगटोक शहर के मध्य में स्थित ताशी व्यू प्वाइंट गंगटोक का प्रसिद्ध पिकनिक स्पॉट है।
इस स्थान का निर्माण 1914 से 1963 तक सिक्किम के राजा रहे ताशी नामग्याल द्वारा कराया गया था।
फिर इन्हीं के नाम पर इसका नाम ताशी व्यू प्वाइंट रखा गया।
पर्यटक यहाँ से माउंट शनिलोच और माउंट कंचनजंगा की खूबसूरती को देख सकते हैं।
इसकी अलावा छोटी-छोटी बर्फ से ढकी पहाड़ियों की खूबसूरती भी देख सकते हैं।
ताशी व्यू प्वाइंट पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय स्थान है।
महात्मा गांधी मार्ग
महात्मा गांधी मार्ग गंगटोक का प्रमुख बाजार है। इसे शहर का हृदय भी कहा जाता है।
यहाँ आप सिक्किम की कला, संस्कृति और स्वादिष्ट पकवानों से रूबरू हो सकते हैं।
इस मार्ग का पर बहुत सारी दुकान, बार, रेस्टोरेंट, मंदिर और गार्डन स्थित है।
यहाँ आप सिक्किम की हस्तशिल्प की वस्तुएं खरीद सकते हैं और रेस्टोरेंट तथा भोजनालय में यहाँ के प्रसिद्ध पकवानों का लुत्फ़ भी ले सकते हैं।
वर्तमान में महात्मा गांधी मार्ग गंगटोक में शॉपिंग हब है।
महात्मा गांधी मार्ग गंगटोक में घूमने की जगह (Gangtok Me Ghumne Ki Jagah) में एक प्रमुख जगह है।
तिब्बती सांस्कृतिक संग्रहालय
यह संग्रहालय गंगटोक में घूमने की जगह (Gangtok Me Ghumne Ki Jagah) में एक प्रमुख स्थान है।
यहाँ आप तिब्बती कला, संस्कृति और आध्यात्म की जानकारी ले सकते हैं।
यहाँ स्थापित प्राचीन पांडुलिपियाँ और बौद्ध कलाकृतियां संग्रहालय का प्रमुख केंद्र है।
इसे देखने के लिए प्रति वर्ष हजारों की संख्या में लोग गंगटोक आते हैं।
हिमालयन जूलॉजिकल गार्डन
गंगटोक में स्थित इस चिड़ियाघर में आप कई प्रकार के हिमालयी जानवरों को देख सकते हैं।
लाल पांडा और हिमालयन भालू इस चिड़ियाघर के प्रमुख आकर्षण है। जिन्हें आप बहुत ही पास से देख सकते हैं।
हिमालयन जूलॉजिकल गार्डन गंगटोक में परिवार के साथ समय बताने के लिए सबसे अच्छी जगह में से एक है।
कंचनजंगा
कंचनजंगा 8685 मीटर की ऊंचाई के साथ दुनिया की तीसरी सबसे ऊंची चोटी है।
यह खूबसूरत पहाड़ नेपाल, सिक्किम और तिब्बत से गिरा हुआ है।
अगर आप इसकी वर्फ से घिरी हुई चोटियों को पास से देखना चाहते हैं।
तो आपको गंगटोक जाना चाहिए। कंचनजंगा का तिब्बती भाषा में अर्थ है डी हाई ट्रेजक्ड ऑफ़ द हाई स्नो।
5 चोटियों से मिलकर बनी हुई यह पहाड़ी आप दार्जिलिंग से भी देख सकते हैं।
कंचनजंगा सिक्किम में घूमने की जगह (Sikkim Me Ghumne Ki Jagah) में एक खास जगह है।
बाबा हरभजन सिंह मंदिर
नाथुला दर्रे और जेलेप्ला दर्रे को जोड़ने वाली रोड पर स्थित यह मंदिर बाबा हरभजन सिंह की समाधि पर बना हुआ है।
बताया जाता है कि पूर्वी सिक्किम में एक संघर्ष के दौरान खच्चरों के झुंड का नेतृत्व करते हुए सिपाही हरभजन सिंह लापता हो गए थे।
फिर 3 दिन के खोजी अभियान के बाद सिपाही हरभजन सिंह का सब बरामद हुआ।
इसके बाद टुकड़ी के सैनिकों ने बताया कि हरभजन सिंह उनके सपनों में आ रहे हैं और अपना मंदिर बनाने के लिए बोल रहे हैं।
फिर उनकी याद में बाबा हरभजन सिंह स्मारक मंदिर बनवाया गया।
अब यह मंदिर सिक्किम का एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल बन चुका है।
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गंगटोक कैसे पहुंचे
अगर आप सिक्किम या गंगटोक में घूमने जाने की योजना बना रहे हैं। तो यह आपकी यादगार ट्रिप बन सकती है।
बात गंगटोक पहुंचने की करें तो आप बस, ट्रेन, हवाई जहाज या खुद के वाहन से भी गंगटोक घूमने जा सकते हैं। सबसे पहले बात करते हैं हवाई मार्ग की तो पश्चिम बंगाल का बागडोगरा हवाई अड्डा गंगटोक का निकटतम हवाई अड्डा है। जो देश के प्रमुख हवाई अड्डों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।
रेल मार्ग से भी गंगतोक आसानी से पहुंचा जा सकता है। न्यू जलपाईगुड़ी गंगटोक का निकटतम रेलवे स्टेशन है।
जो गंगटोक से 117 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
अगर आप सड़क मार्ग से गंगटोक जाना चाहते हैं।
तो बता दें कि गंगटोक सड़क मार्ग से भी देश के सभी हिस्सों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।
अतः आप खुद के वाहन या राज्य परिवहन की बसों से भी गंगटोक जा सकते हैं।
गंगटोक जाने का सही समय
आप अक्टूबर से जून तक कभी भी गंगटोक घूमने के लिए जा सकते हैं।
लेकिन बरसात के मौसम में गंगटोक जाने से बचना चाहिए।
क्योंकि इस समय आपको बहुत असुविधाओं का सामना करना पड़ सकता है।
गंगटोक घूमने का खर्चा
गंगटोक घूमने के लिए प्रति व्यक्ति 12000 रुपए से ₹15000 तक का खर्चा आ सकता है।
जो कम या ज्यादा भी हो सकता है। यह खर्चा आपके रहने, खाने-पीने और घूमने के साधनों पर भर निर्भर करेगा।
FAQs
भारत के सिक्किम में स्थित गंगटोक शहर राज्य की राजधानी है ,गंगटोक भारत का प्रसिद्ध पर्यटन स्थल भी है।
हिमालय की वादियों में बसा हुआ गंगटोक शहर अपनी बर्फीली चोटियों, सभ्यता और बौद्ध परंपराओं के लिए प्रसिद्ध है ,यहाँ बहुत सारे प्राचीन बौद्ध मठ भी है।
रूमटेक बौद्ध मठ, डो- ड्रूल-चार्टेन, त्सोम्गो झील, कंचनजंगा और नाथुला दर्रा गंगटोक के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल हैं।
सिक्किम में लकड़ी की नक्काशी करके उसे पर बहुत खूबसूरत कलाकृतियां उकेरी जाती हैं।
जो की सिक्किम का सबसे प्रसिद्ध हस्तशिल्प है। यह कलाकृतियां बौद्ध धर्म से संबंधित होती हैं।
गंगटोक की भोजन शैली नेपाली और तिब्बती भोजन शैली का मिश्रण है। दाल-भात, मोमोज तथा बंबू सूट यहाँ के प्रमुख भोजन है।
निष्कर्ष
इस लेख में सिक्किम/गंगटोक में घूमने की जगह के बारे में बताया गया है।
साथ ही सिक्किम में घूमने के लिए कितना खर्चा आएगा, कैसे पहुंच जाएगा औरकब जाना चाहिए यह भी बताया गया है।
यह जानकारी इंटरनेट पर पहले से उपलब्ध जानकारी को एकत्र करके उनके एक स्थान पर प्रकाशित करने का एक प्रयास है।
आशा करता हूं कि मेरे द्वारा दी गई यह जानकारी आपको पसंद आई होगी और आपके काम की होगी।
मुझे आपकी प्रतिक्रियाओं का इंतजार रहेगा।
2 thoughts on “Gangtok Me Ghumne Ki Jagah | गंगटोक में घूमने की जगह”