Rajasthan Me Ghumne Ki Jagah | राजस्थान में घूमने की जगह 

आइये दोस्तों इस लेख में हम बात करते हैं राजस्थान में घूमने की जगह (Rajasthan Me Ghumne Ki Jagah) के बारे में। राजस्थान अपनी संस्कृति, ऐतिहासिक धरोहरों और अपनी आन-बान-शान के लिए जाना है। यहाँ पर्यटकों के घूमने के लिए कई खूबसूरत पर्यटन स्थल हैं। जिन्हे देखने के लिए साल में लाखों लोग देश-विदेश से राजस्थान की यात्रा करते हैं। 

राजस्थान के बारे में (About Rajasthan)

राजाओं की भूमि उप नाम से मशहूर राजस्थान भारत का खूबसूरत राज्य है जो अपनी ऐतिहासिक विरासतों और जीवंत संस्कृति की वजह से पर्यटकों के बीच लोकप्रिय है। राजस्थान में पर्यटकों के घूमने के लिए कई प्राचीन किले, महल और प्रसिद्ध झीलें हैं। ये खूबसूरत प्राचीन इमारते राजस्थान को एक आदर्श पर्यटक आकर्षण बनातीं हैं। इन इमारतों वास्तुकला इतनी उत्कृष्ट है की पर्यटक बार-बार देखने का मन करते हैं। वास्तुकला के साथ-साथ इन इमारतों में राजस्थान के गौरवशाली इतिहास की भी जानकारी मिलती है। राजस्थान की इन ऐतिहासिक इमारतों के निर्माण में लाल, गुलाबी और सफ़ेद संगमरमर पत्थरों का निर्माण किया गया है। अगर आप इतिहास प्रेमी हैं या प्रकृति प्रेमी और राजस्थान के इतिहास और प्राकृतिक खूबसूरती को देखना चाहते हैं तो आपको राजस्थान की यात्रा अवश्य करनी चाहिए। राजस्थान में घूमने की बहुत सी लोकप्रिय जगह हैं जिनके बारे में इस लेख में विस्तार से बताया गया है। 

राजस्थान में घूमने की जगह | Rajasthan Me Ghumne Ki Jagah

  1. जयपुर
  2. जोधपुर
  3. उदयपुर
  4. अजमेर
  5. पुष्कर
  6. रणथम्भौर
  7. माउन्ट आबू
  8. जैसलमेर
  9. बीकानेर
  10. चित्तौड़गढ़
  11. अलवर
  12. बूँदी
  13. भरतपुर
  14. कुम्भलगढ़
  15. नागौर
  16. झालाबाड़

1. जयपुर

Jaipur Rajasthan Me Ghumne KI Jagah Hai

पिंक सिटी के नाम से प्रसिद्ध जयपुर अपनी कला, संस्कृति, इतिहासिक विरासत, आधुनिकता और अपने गुलाबी भवनों के लिए प्रसिद्ध है। ये गुलाबी रंग के भवन जयपुर को एक नयी पहचान दिलाते हैं। जयपुर में कई प्राचीन ऐतिहासिक इमारतें भी हैं जिन्हे देखने के लिए पर्यटक देश-विदेश से जयपुर आते हैं। इन ऐतिहासिक इमारतों में हवा महल, जलमहल, अमर किला, सिटी पैलेस, और जंतर-मंतर प्रमुख पर्यटक आकर्षण हैं। अगर यहाँ की शिल्पकला की बात करें तो जयपुर में बापू बाजार, जौहरी बाजार और चंद्रपॉल बाज़ार से जयपुर के प्रसिद्ध हाथ से बने कपडे, गहनें और मूर्तियाँ आदि वस्तुएं खरीदीं जा सकती हैं। जयपुर का दाल बाटी चूरमा, गट्टे की सब्जी और केसरिया लस्सी विश्व प्रसिद्ध व्यंजन है जो पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। जयपुर राजस्थान में घूमने की जगह (Rajasthan Me Ghumne Ki Jagah) में एक लोकप्रिय जगह है।  जयपुर की यात्रा आपको इतिहास और संस्कृति की  लेकर जाएगी। यदि आप भारतीय इतिहास, संस्कृति और वास्तुकला से प्रेम करते हैं तो आपको एक बार जयपुर अवश्य जाना चाहिए। 

2. जोधपुर

राजस्थान का प्रमुख शहर जोधपुर ब्लू सिटी के नाम से प्रसिद्ध है। जोधपुर राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। इस खूबसूरत शहर का निर्माण राव जोधा जी द्वारा 1459 में किया गया था। यह शहर पर्यटन के दृश्टिकोण से बहुत ही महत्त्वपूर्ण हैं। जोधपुर में पर्यटकों के लिए प्राचीन किले, भव्य महल और कई सांस्कृतिक धरोहरें हैं। जिन्हें देखने के लिए लोग जोधपुर आते हैं। यहाँ की भव्यता और सुंदरता को देखकर पर्यटक इस ब्लू सिटी के दीवाने हो जाते हैं। जोधपुर के पर्यटन स्थलों में मेहरानगढ़ किला, उम्मीद भवन, जसवंत थड़ा, मंडोर गार्डन, घंटाघर और सरदार मार्किट प्रमुख हैं। जोधपुर में स्थित मेहरानगढ़ किले से पूरे  जोधपुर शहर को देखा जा सकता है। साथ इस विशाल किले में कई भव्य महल और इमारतें है यह किला जोधपुर के गौरवशाली इतिहास की शान है। लेकिन वर्त्तमान में यह किला जोधपुर को राजस्थान में घूमने की जगह (Rajasthan Me Ghumne Ki Jagah) में एक खास जगह बनाता है। जोधपुर में समय-सा,आय पर पारम्परिक नृत्य और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता रहता है जिनमें मारवाड़  महोत्सव और राजस्थान इंटरनेशनल फॉक फेस्टिवल प्रमुख हैं।

3. उदयपुर

अपनी खूबसूरत झीलों, भव्य महलों और ऐतिहासिक विरासतों के लिए प्रसिद्ध उदयपुर राजस्थान का लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। इसे झीलों का शहर और पूर्व  का वेनिस आदि उपनामों से भी जाना जाता है। 1559 में इस शहर का निर्माण महाराणा उदय सिंह II द्वारा कराया गया था। जिस कारण से इस शहर का नाम उदयपुर रखा गया है। उदयपुर में कई पर्यटक आकर्षण हैं जिनमें पिछोला झील, सिटी पैलेस, जग मंदिर, सज्जनगढ़ पैलेस, फतेहसागर झील, सहेलियों की बाड़ी, और बागौर की हवेली प्रमुख हैं। उदयपुर के निकट स्थित शिल्पग्राम अपनी हस्तशिल्प और संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है।  इस गांव में हस्तशिल्प, बुनकरी और कुम्हारगीरी से सम्बंधित कई प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं। जिनमे भाग लेने के लिए पूरे देश से हस्तशिल्प के कारीगर आते हैं। उदयपुर राजस्थान में घूमने की जगह (Rajasthan Me Ghumne Ki Jagah) में एक लोकप्रिय जगह है। उदयपुर का राजसी खान-पान भी पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करता है। यहाँ के पारम्परिक व्यंजनों में दाल-बाटी-चूरमा, गट्टे की सब्जी, केर सांगरी, और मावा कचौरी प्रमुख हैं।

4. अजमेर

अजमेर राजस्थान का खूबसूरत शहर है जिसे राजस्थान का ह्रदय और भारत का मक्का कहा जाता है। प्राचीन काल में अजमेर चौहान वंश की जागीर थी। अजमेर की स्थापना ७वीं सदी में चौहान वंश के राजा अजयराज चौहान द्वारा की गयी थी। यहाँ के सबसे प्रसिद्ध राजा पृथ्वीराज चौहान थे जिन्हे भारत का अंतिम हिन्दू सम्राट माना जाता है। अरावली पहाड़ियों के मध्य बसा अजमेर अपनी सांस्कृतिक विरासतों और धार्मिक स्थलों के लिए विख्यात है। इस्लाम धर्म के प्रसिद्ध सूफी संत ख्वाजा मुइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह अजमेर में ही स्थित है जिसे गरीब नमाज की दरगाह  भी जाना जाता है। इस पवित्र दरगाह की वजह से ही अजमेर को भारत  का मक्का कहा जाता है। यह मजार सभी धर्मो के लोगों द्वारा पूजनीय मानी जाती है। यहाँ देश-विदेश से लाखों लोग मन्नत माँगने के लिए आते हैं। इस प्रसिद्ध ख्वाजा मुइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के अलावा अजमेर में आनासागर झील, अढ़ाई दिन का झोपड़ा, मायो कॉलेज, तारागढ़ किला, और सोनीजी की नसीया प्रमुख पर्यटक आकर्षण हैं। शांति, आध्यात्मिकता और धार्मिक महत्वा से परिपूर्ण इन पर्यटन स्थलों की वजह से अजमेर राजस्थान में घूमने की जगह (Rajasthan Me Ghumne Ki Jagah) में एक प्रमुख जगह है। जहाँ हर जाति, धर्म, और उम्र के लोग जाना पसंद करते हैं।

5. पुष्कर

अरावली पहाड़ियों के मध्य स्थित पुष्कर जो राजस्थान के अजमेर जिले में स्थित, राजस्थान का प्रमुख पर्यटन स्थल है। पुष्कर अपनी खूबसूरत पुष्कर झील, घाटों, आश्रमों, पवित्र मंदिरों और वार्षिक मेले की वजह से राजस्थान में घूमने की जगह (Rajasthan Me Ghumne Ki Jagah) में एक प्रमुख जगह बन चुका है। पुष्कर में स्थित पुष्कर झील यहाँ का प्रमुख पर्यटक आकर्षण है। पुष्कर झील के किनारे 52 घाट हैं श्रद्धालु इन घाटों पर डुबकी लगाकर अपने पापों से मुक्ति पाते हैं। इसी झील के किनारे कार्तिक पूर्णिमा के दिन दुनिया के सबसे प्रसिद्ध ऊँट मेले पुष्कर मेले का आयोजन होता है।  इस मेले में ऊँटों की खरीद फरोख्त, सजावट की प्रतियोगिताएं और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन।  यह मेला राजस्थान का एक प्रमुख पर्यटन आकर्षण माना जाता है। देश-विदेश से लोग इस मेले में आते हैं और राजस्थान की गौरवपूर्ण संस्कृति से परिचित होते हैं।

6. रणथम्भौर

राजस्थान  सवाई माधौपुर जिले में स्थित रणथम्भौर देश का प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान है जो बाघों की संख्या और उनके प्राकृतिक आवास के लिए प्रसिद्ध है। बाघों की  अधिक संख्या होने के कारण इसे टाइगर रिज़र्व का दर्जा प्राप्त है। बाघों के अलावा यहाँ तेंदुआ, नीलगाय, जंगली सूअर, सांभर, चीतल, और कई प्रकार के पक्षी भी पाए जाते हैं। आदर्श जैव विविधता होने के कारण रणथम्भौर, राजस्थान का प्रमुख पर्यटन स्थल बन चुका है। इस राष्ट्रीय उद्यान जंगल सफारी की सुविधा भी उपलब्ध है। जिसके माध्यम  से आप वन्य जीवन को नजदीक से देख  सकते हैं। इस राष्ट्रीय उद्यान के अंदर स्थित रणथम्भौर किला एक ऐतिहासिक किला है। जिसका निर्माण 10वीं सदी में करवाया गया था। रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान के अंदर स्थित यह किला उद्यान का प्रमुख आकर्षण है। इसके अलावा इस राष्ट्रीय उद्यान में पदम् झील और सुरवाल झील भी हैं। जिनके किनारे का प्राकृतिक वातावरण पर्यटकों का मन मोह लेता है। पदम झील के निकट स्थित जोगी महल जयपुर राज्य के राजघरानों का विश्राम स्थल हुआ करता था जो शिकार के लिए आया करते थे। लेकिन अब इस महल को एक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित कर दिया गया है। यदि आपको रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान में सूर्योदय और सूर्यास्त के बेहतरीन नज़ारे देखने हैं तो ये नज़ारे आप सुरवाल झील के किनारे देख सकते हैं। यहाँ सुबह-शाम विभिन्न प्रकार के पक्षी देखने को मिलते हैं। रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान पर्यावरण संरक्षण और पर्यटन का बेजोड़ उदहारण है। इसका प्राकृतिक परिदृश्य जिसमे पहाड़ियाँ, झीलें और जानवरों के प्राकृतिक आवास शामिल हैं, इसे एक खूबसूरत पर्यटन  बनाते हैं।

7. माउन्ट आबू

माउंट आबू, अरावली पर्वतमाला का एकमात्र हिल स्टेशन है जो राजस्थान  सिरोही जिले का हिस्सा है। साथ ही माउन्ट आबू को राजस्थान के सबसे ठण्डे इलाकों  में गिना जाता है। जो अपने प्राकृतिक परिदृश्य, शांत वातावरण और धार्मिक स्थलों की वजह से एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल बन चुका है। माउंट आबू के पर्यटन स्थलों में सबसे प्रमुख है दिलवाड़ा का जैन मंदिर यह मंदिरों का समूह जो सफ़ेद संगमरमर से बने हैं। इन मंदिरों की उन्कृष्ट नक्काशी और वास्तुकला देखने लायक है। इस खूबसूरत मंदिर का निर्माण 11वीं से 13वीं सदी के मध्य कराया गया था। इन विश्व प्रसिद्ध मंदिरों के अलावा गुरुशिखर पॉइंट, सनसेट पॉइंट, नक्की झील, अचलगढ़ किला, वन्यजीव अभ्यारण्य और पीस पार्क माउंट आबू के प्रमुख पर्यटन स्थल हैं। गुरुशिखर पॉइंट अरावली पर्वतमाला की सबसे ऊँची छोटी है जहाँ से आप माउंट आबू और उसके आस-पास से परिदृश्यों को आसानी से देख सकते हैं। इसके अलावा माउंट आबू में स्थित अचलगढ़ किला जिसका निर्माण 14 वीं सदी में राणा कुम्भा ने कराया था, भी स्थित है। इस किले के परिसर में एक अचलेश्वर मंदिर भी है जो महादेव को समर्पित है। माउंट आबू जैव विविधता के लिए भी जाना जाता है यह जैव विविधता माउंट आबू वन्यजीव अभ्यारण्य में देखने को मिलती है इस खूबसूरत अभ्यारण्य में तेंदुआ, सियार, सांभर, जंगली सूअर, और कई प्रकार के पक्षियों के प्राकृतिक आवास हैं। माउंट में स्थित यही खूबसूरत स्थल माउंट आबू को राजस्थान का खूबसूरत पर्यटन स्थल बनाते हैं। 

8. जैसलमेर

जैसलमेर, राजस्थान के पश्चिमी भाग में थार मरुस्थल में स्थित एक खूबसूरत पर्यटन स्थल है। जो अपने प्राचीन महलों, स्थापत्य कला और सुनहरी रेत के टीलों की वजह से जाना जाता है। इस नगर की स्थापना राजपूत राजा महारावल जैसल द्वारा 1156 ईस्वी. में की गयी थी। जो वर्त्तमान में भारत के राजस्थान राज्य का अभिन्न अंग है और राजस्थान में घूमने की जगह (Rajasthan Me Ghumne Ki Jagah) में एक बेहतरीन जगह है। यहाँ पर्यटकों के घूमने के लिए कई जगह हैं। जिनमें जैसलमेर किला, पाटवों की हवेली, सैम रेत टीले, गड़ीसर झील, जैन मंदिर, कुलधरा गाँव, भटियानीसर प्रोल, और जैसलमेर युद्ध संग्रहालय प्रमुख पर्यटन स्थल हैं। जैसलमेर की ये जीवंत स्थापत्य इमारतें, प्राकृतिक टीले और लोक कलायें जैसलमेर को एक लोकप्रिय पर्यटन  बनाते हैं। जैसलमेर में स्थित जैसलमेर किला पीले संगमर पत्थर से बना है और यह किला सूर्यास्त के समय सुनहरे रंग में चमकता है इसलिए इसको सोनार किला के नाम से भी जाना जाता है। और यह किला किला जैसलमेर का प्रमुख पर्यटन स्थल भी है। जैसलमेर में स्थित जैसलमेर युद्ध संग्रहालय भारत-पाक युद्धों में भारतीय सैनिक की बहादुरी को याद दिलाता है। यह युद्ध संग्रहालय भारतीय सेना संचालित करती है। यदि आप भारतीय सेना की बहादुरी के बारे में जानना चाहते हैं तो एक बार जैसलमेर युद्ध  संग्रहालय अवश्य जायें।

9. बीकानेर

बीकानेर, राजस्थान का एक ऐतिहासिक शहर है जिसकी स्थापना राठौर राजवंश के राजकुमार राव बीका द्वारा 1488 ईस्वी में की गयी थी। जो अब राजस्थान का एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल बन चुका है। बीकानेर शहर अपनी उत्कृष्ट स्थापत्य कला, ऐतिहासिक विरासत, सांस्कृतिक धरोहरों और ऊँट महोत्सव के लिए प्रसिद्ध है। बीकानेर में पर्यटकों के लिए कई किले, महल और मंदिर हैं जिनकी खूबसूरती देखते ही बनती है। इनमें जूनागढ़ किला, लालगढ़ महल, करणी माता मंदिर, गंगा गोल्डन जुबली म्यूजियम, जैन मंदिर, बीकानेर ऊँट महोत्सव, भांडेश्वर और संथलनाथ जैन मंदिर प्रमुख है। बीकानेर में स्थित जूनागढ़ किला शहर का सबसे प्रमुख पर्यटक आकर्षण है। यह किला अपनी उत्कृष्ट वास्तुकला और नक्काशी के लिए प्रसिद्ध है। इसका निर्माण 1593 ईस्वीं में राजा राय सिंह द्वारा कराया गया था। इस किले में कई संरचनायें हैं। जिनमें अनूप महल, चन्द्र महल, फूल महल, करण महल और कई आँगन शामिल हैं। इसके अलावा बीकानेर में कई प्रसिद्ध जैन मंदिर भी हैं जो अपनी बेहतरीन वास्तुकला और जटिल नक्काशी के लिए प्रसिद्ध हैं। इनमें भांडेश्वर और संथलनाथ जैन मंदिर विशेष उल्लेखनीय हैं।

10. चित्तौड़गढ़

राजस्थान में स्थित चित्तौड़गढ़ अपनी वीरता और बलिदान की कहानियों के लिए प्रसिद्ध है। वर्तमान में चित्तौड़गढ़ भारत के लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है। यहाँ कई ऐतिहासिक धरोहरें और पर्यटन स्थल हैं। चित्तौड़गढ़ में स्थित चित्तौड़ का किला यहाँ का प्रमुख पर्यटन स्थल है। जिसे चित्तौड़ का दुर्ग के नाम से भी जाना जाता है।  चित्तौड़ का किला भारत के प्रमुख किलो में से एक है इस किले में बहुत सी ऐतिहासिक संरचनायें हैं जिनमें रानी पद्मिनी का महल, विजय स्तम्भ, कीर्ति स्तम्भ, गौमुख कुंड, कुम्भा महल, मीरा मंदिर और काली माता मंदिर प्रमुख हैं। 700 एकड़ भूमि में फैले इस किले में सात प्रवेश द्वार हैं। इस किले को यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत स्थल भी घोषित किया गया है। चित्तौड़गढ़ राजस्थान में घूमने  एक प्रमुख जगह है। जो आपको राजस्थान के गौरवशाली इतिहास से परिचित कराएगी। चित्तौड़ के किले में स्थित कीर्ति स्तम्भ को फेम टॉवर के नाम से भी जाना जाता है जो जैन धर्म के तीर्थंकर आदिदेव को समर्पित है। 

11. अलवर

राजस्थान राज्य में स्थित अलवर एक खूबसूरत शहर है जो अपनी ऐतिहासिक विरासतों और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है। यहाँ पर्यटन के दृश्टिकोण से कई स्थल हैं जो पर्यटकों को खूब आकर्षित करते हैं। इनमे अलवर किला, सरिस्का नेशनल पार्क, मोती डूंगरी, सिलिसेरह झील, पाण्डु पोल, विजय मंदिर महल, मुसी महारानी की छतरी, कंपनी बैग, फतेहजंग का मकबरा और भतृहरि मंदिर प्रमुख हैं। अलवर में स्थित सरिस्का नॅशनल पार्क को बाघों के लिए जाना जाता है। बाघों के अलावा यहाँ हिरन, तेंदुआ, और अन्य जंगली जानवर पाए जाते हैं। साथ ही आप सरिस्का में जंगल सफारी का भी आनंद ले सकते हैं। अगर अलवर की ऐतिहासिक इमारतों की बात करें तो यहाँ पर स्थित अलवर किला एक पहाड़ी पर स्थित है जहाँ से अलवर शहर की खूबसूरती को देखा जा सकता है। इस किले की वस्तुकला और जटिल नक्काशी पर्यटकों को आकर्षित करती है।

12. बूँदी

बूंदी राजस्थान में स्थित एक खूबसूरत शहर है जो अपनी कला, संस्कृति, ऐतिहासिक विरासतों और प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। बूंदी में कई खूबसूरत किले, महल और झीलें हैं। जो यहाँ का मुख्य पर्यटक आकर्षण भी हैं। बूंदी में स्थित तारागढ़ किला शहर का सबसे खूबसूरत किला है जिसे इसकी बेहतरीन वास्तुकला और भित्ति चित्रण के लिए जाना जाता है। इसके अलावा बूंदी में बूंदी महल, रानी जी की वाबड़ी, नवल सागर झील, सुख महल, फूल सागर, नागर सागर कुंड, चित्तर महल और मोटी महल भी प्रमुख पर्यटन स्थल हैं।

13. भरतपुर

राजस्थान के भरतपुर में स्थित केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान पक्षी प्रेमियों के लिए स्वर्ग के सामान है। जो भरतपुर का प्रमुख पर्यटन स्थल है यहाँ दुनिया भर से पक्षी प्रेमी और शोधकर्ता आते हैं। केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान को यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत स्थल घोषित किया गया है। इस राष्ट्रीय उद्यान में स्थित झीलें और दलदली भूमि यहाँ का प्रमुख पर्यटन आकर्षण हैं क्योंकि इन्हीं झीलों के किनारे सर्दियों में पक्षी प्रवास करते हैं। अक्टूबर से मार्च के बीच, साइबेरिया, यूरोप और चीन से साइबेरियन क्रेन, पेंटेड स्टॉर्क, डार्टर, कॉर्मोरेंट और कई अन्य प्रजातियों के पक्षी हजारों पक्षी यहां आते हैं। केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में मोर, सारस, बगुले, बत्तख और कई अन्य पक्षी यहाँ के मूल निवासी हैं। इनके अलावा इस उद्यान में नीलगाय, सांभर, चीतल, और जंगली सुअर जैसे जानवर भी पाए जाते हैं। केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान के अलावा भरतपुर में लोहाग्रह किला और डींगमहल भी यहाँ के प्रमुख पर्यटक आकर्षण हैं। भरतपुर में आप प्राकृतिक सुंदरता के साथ-साथ ऐतिहासिक विरासतों का भी अवलोकन कर सकते हैं।

14. कुम्भलगढ़

अरावली की पहाड़ियों के मध्य स्थित कुम्भलगढ़ अभेद्य किले के नाम से भी जाना जाता है। यहाँ की अद्वितीय स्थापत्य कला, विशाल परिधि और सुरम्य दृश्य पर्यटकों को आकर्षित करती है। कुम्भलगढ़ में स्थित कुम्भलगढ़ किला यहाँ का प्रमुख पर्यटक आकर्षण है इस किले राणा कुम्भा द्वारा कराया गया था। यह किला कभी सीधे हमले द्वारा पराजित नहीं हुआ है इसका कारण  मजबूत बनावट और स्थिति है। माना जाता है कि इस किले की दीवार भारत की दूसरी सबसे बड़ी दीवार है। और चौड़ाई इतनी है कि पाँच घोड़ों की दौड़ आयोजित कराई जा सकती है। 1100 मी  की ऊंचाई पर स्थित इस किले में 360 से अधिक मंदिर हैं जो हिन्दू धर्म, बौद्ध धर्म और जैन धर्म से सम्बंधित हैं। कुम्भलगढ़ किला राजस्थान की ऐतिहासिक विरासतों में एक अनमोल रत्न माना जाता है। इस किले के अलावा कुम्भलगढ़ में बादल महल और कुम्भलगढ़ वन्यजीव अभ्यारण्य भी यहाँ के प्रमुख पर्यटक आकर्षण हैं।

15. नागौर

राजस्थान में स्थित नागौर एक खूबसूरत शहर है यहाँ स्थित महल, किले और मंदिर नागौर की समृद्ध संस्कृति और ऐतिहासिक विरासत को दर्शाते हैं। नागौर का किला, तेजा जी मंदिर, मीराबाई मंदिर, नागौर का हाट मेला, सूफी संत हजरत हमीदुद्दीन नागौरी की दरगाह, और अमृता देवी बिश्नोई स्मारक यहाँ के प्रमुख पर्यटक आकर्षण हैं। 

16. झालाबाड़

राजस्थान का झालावाड़ शहर अपनी ऐतिहासिक विरासत, समृद्ध संस्कृति और प्राकर्तिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। पर्यटक यहाँ हरियाली, झीलों, और मंदिरों के संगम का अनूठा अन्यभाव ले सकते हैं। झालावाड़ में स्थित झालावाड़ किला जिसे ग्रह पैलेस के नाम से भी जाना जाता है, झालावाड़ का प्रमुख पर्यटक आकर्षण है। इसका निर्माण 19वीं सदी में राणा मदन सिंह द्वारा कराया गया था। जिसकी भव्यता राजस्थान की बेमिशाल वास्तुकला का उदाहरण मात्र है। इसके अंदर निर्मित भीति चित्र, खूबसूरत महल और जटिल नक्काशीदार खिड़कियाँ देख पर्यटक मंत्रमुग्ध हो जाते हैं। इसके आलावा झालावाड़ में स्थित गागरोन का किला भी यहाँ का प्रमुख पर्यटक स्थल है। कालीसिंध और आहू नदियों से घिरे इस किले को जल दुर्ग के नाम से भी जाना जाता है। इस किले को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल भी घोषित किया गया है। इन किलों के अलावा झालावाड़ में चाँदखेडी जैन मंदिर, रेणुका माता मंदिर, और भवानी नाट्यशाळा भी प्रमुख पर्यटन स्थल हैं। साथ ही झालावाड़ में स्थित भवानी जंगल सफारी और पक्षी अभ्यारण्य बहुत ही लोकप्रिय हैं। यहाँ की हरियाली, झीलें और पशु-पक्षी झालावाड़ की  प्राकृतिक सुंदरता और जैव विविधता को दर्शाते हैं।

राजस्थान घूमने का सही समय

यदि आप राजस्थान की खूबसूरत वास्तुकला, गौरवशाली इतिहास और समृद्ध संस्कृति को देखने का मन बना रहें हैं लेकिन आपको ये अंदाजा नहीं है की आपको राजस्थान कब जाना चाहिए तो आपको बता दें कि राजस्थान भौगोलिक रूप से एक मरुस्थलीय इलाका है जहाँ का मौसम गर्मियों में अधिक गर्म होता है। इसलिए आपको अक्टूबर से मार्च के बीच राजस्थान की यात्रा करनी चाहिए। इस समय यहाँ का मौसम सुहावना रहता है जो यात्रा के लिए सुगम है।

राजस्थान का यातायात 

क्षेत्रफल की दृस्टि से राजस्थान भारत का सबसे बड़ा राज्य है और यहाँ की यातायात प्रणाली में भी विविधता है। राजस्थान में सड़कमार्ग, रेलमार्ग और वायुमार्ग का जाल अच्छी तरह से फैला हुआ है। राजस्थान में सबसे ज्यादा सड़क परिवहन का उपयोग होता है। यहाँ के सभी शहर और प्रमुख पर्यटन स्थल सड़कमार्ग द्वारा अच्छी तरह जुड़े हुए हैं। इन सड़कमार्गों पर राजस्थान राज्य परिवहन और निजी बस ऑपरेटरों की बसों का सञ्चालन होता हैं। जिनके माध्यम से पर्यटक आसानी से एक पर्यटन स्थल से दूसरे पर्यटन स्थल तक आसानी से और काम खर्चे में आवागमन कर सकते हैं। राजस्थान में भारतीय रेलवे ने भी एक सुविधाजनक रेल नेटवर्क स्थापित किया है जिसके अंतर्गत जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, बीकानेर और कोटा जैसे प्रमुख शहर रेल नेटवर्क द्वारा आपस में भली-भाँति जुड़े हुए हैं। अगर हवाई यातायात की बात करें तो राजस्थान में कुल 10 हवाई अड्डे हैं जिसमे जयपुर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा जयपुर का सबसे व्यस्त हवाई अड्डा है इसके अलावा जोधपुर, उदयपुर, बीकानेर, किशनगढ़ और कोटा में स्थित हवाई अड्डे राजस्थान के प्रमुख हवाई अड्डे हैं।

राजस्थान में घूमने का खर्चा 

राजस्थान में घूमने के लिए प्रति व्यक्ति 20000 रुपये से 25000 रुपये तक का खर्चा आ सकता है। जो इस बात पर भी निर्भर करेगा की आप राजस्थान में कहाँ-कहाँ घूमने जायेंगे। ये खर्चे काम या ज्यादा भी हो सकते हैं जो आपके आने-जाने और घूमने के साधनो, खाने-पीने और रहने की व्यवस्थाओं  निर्भर करेंगे।

निष्कर्ष 

इस लेख में राजस्थान में घूमने की जगहों (Rajasthan Me Ghumne Ki Jagah) के बारे में विस्तार से बताया गया है साथ ही यह भी बताया गया कि राजस्थान घूमने का सही समय क्या है, वहां का यातायात कैसा है और राजस्थान घूमने का कितना खर्चा होगा ये जानकारियां इंटरनेट पास पहले से उपलब्ध जानकारियों को एक जगह पर प्रकाशित करने का प्रयाश है। अगर आप भी राजस्थान की वास्तुकला, ऐतिहासिक विरासत, समृद्ध संस्कृति और प्राकृतिक सुंदरता से परिचित होना चाहते हैं तो आशा करता हूँ कि मेरा यह लेख आपकी मदद राजस्थान यात्रा में मदद करेगा। अगर आपको मेरे द्वारा प्रदान की गयी जानकारी में कोई त्रुटि लगे या इससे सम्बंधित कोई सुझाव हो तो मुझे कमेंट करके अवश्य बताइयेगा। 

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