दोस्तों आइये इस Post में बात करते हैं ऋषिकेश में घूमने की जगह (Rishikesh Me Ghumne Ki Jagah) के बारे में।
ऋषिकेश उत्तराखंड का एक खूबसूरत शहर है जो एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल और तीर्थ स्थल है।
इसे योग नगरी के नाम से भी जाना जाता है।
ऋषिकेश के बारे में (About Rishikesh)
यह उत्तराखंड राज्य का एक खूबसूरत इलाका है जो हिमालय की तलहटी में बसा हुआ है।
ऋषिकेश को उत्तराखंड से चार धाम केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री का प्रवेश द्वार भी माना जाता है।
ऋषिकेश उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से 43 KM की दूरी पर स्थित है।
गंगा नदी का प्रसिद्ध त्रिवेणी घाट ऋषिकेश में ही है। जो एक तीर्थ स्थल ही नहीं बल्कि पर्यटक स्थल भी है।
ऋषिकेश में घूमने की जगह (Rishikesh Me Ghumne Ki Jagah की बात करें तो ऋषिकेश में घूमने की बहुत सी जगह (Rishikesh Me Ghumne Ki Jagah) है।
जिन्हें देखने के लिए साल में लाखों लोग ऋषिकेश आते हैं।
ऋषिकेश में घूमने की जगह (Rishikesh Me Ghumne Ki Jagah)
हिमालय की गोद में बसा हुआ यह सुंदर शहर ऋषिकेश उत्तराखंड का एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल और तीर्थ स्थल है।
ऋषिकेश में घूमने की जगह (Rishikesh Me Ghumne Ki Jagah बहुत सी है जो नीचे वर्णित हैं।
- त्रिवेणी घाट
- राम झूला
- लक्ष्मण झूला
- तेरा मंजिला मंदिर
- परमार्थ निकेतन
- शिवपुरी
- भरत मंदिर
- कुंजापुरी मंदिर
- बीटल्स आश्रम
- गीता भवन
- राजाजी नेशनल पार्क
- नीलकंठ महादेव मंदिर
त्रिवेणी घाट
गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के संगम पर स्थित है घाट हिंदुओं के सबसे प्रसिद्ध घाटों में से एक है।
हिंदू पौराणिक मान्यताओं के अनुसार जब भगवान श्री कृष्णा जर के तीर से घायल हो गए थे।
तब उन्होंने अपने जीवन के कुछ महत्वपूर्ण दिन यहीं बिताए थे।
जिसकी वजह से इस घाट का महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है।
इस घाट पर प्रातः सूर्योदय के समय गंगा आरती होती है और सायं काल सूर्यास्त के समय महा-आरती होती है।
जिसमें भारी संख्या में श्रद्धालु भाग लेते हैं।
राम झूला
राम झूला पावन गंगा नदी पर बना हुआ एक प्रसिद्ध पुल है। जिसका निर्माण 1983 में करवाया गया था।
यह पल 750 फ़ीट लंबा है। राम झूला ऋषिकेश से 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
यह पुल स्वर्ग आश्रम को विश्वा-आनंद आश्रम से जोड़ता है। राम झूला को सेवानंद झूला भी कहा जाता है।
राम झूला पर्यटकों के बीच आकर्षण का केंद्र है।
यदि आप ऋषिकेश में शांतिमय वातावरण वाला स्थान खोज रहे हैं तो रामलीला एक अच्छा विकल्प है।
रामझूला ऋषिकेश में घूमने की जगह (Rishikesh Me Ghumne Ki Jagah में एक प्रमुख जगह है।
लक्ष्मण झूला
राम झूला से 5 किलोमीटर आगे स्थित यह पुल ऋषिकेश का सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थल है।
इसका निर्माण 1889 में करवाया गया था गंगा नदी पर बना हुआ यह पुल पूरी तरह से लोहे का बना हुआ है।
इस पुल का वर्णन पुराणों में मिलता है पुराणों के अनुसार यहाँ पर भगवान राम के भाई लक्ष्मण ने जूट की रस्सी से गंगा नदी को पार किया था।
पुल के एक तरफ स्वर्ग आश्रम और दूसरी तरफ बद्रीनाथ जाने का रास्ता है।
लक्ष्मण झूला के एक तरफ भगवान राम का मंदिर बना हुआ है जबकि दूसरी तरफ उनके छोटे भाई लक्ष्मण का मंदिर बना हुआ है।
तेरा मंजिला मंदिर
तेरा मंजिला मंदिर ऋषिकेश में घूमने की जगह में खास जगह है, जो कि एक तीर्थ स्थल भी है।
इस मंदिर को त्रयंबकेश्वर मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।
यह मंदिर गंगा नदी के किनारे बना हुआ है जो की सुंदर वास्तुकला का उदाहरण पेश करता है।
इस मंदिर में कई देवी देवताओं की मूर्तियाँ रखी हैं।
यहाँ एक साथ कई देवी देवताओं की पूजा करने का अवसर मिलेगा।
परमार्थ निकेतन
गंगा नदी के किनारे स्थित यह आश्रम ऋषिकेश का एक प्रमुख आश्रम है।
जहाँ योग कक्षाएं निरंतर चलती रहती हैं।
इसके अलावा परमार्थ निकेतन में आध्यात्मिक शिक्षाएं और ध्यान कक्षाएं भी प्रदान की जाती हैं।
यहाँ शाम के समय गंगा आरती भी होती है गंगा आरती के समय यहाँ का नजारा मनमोहन होता है।
परमार्थ निकेतन ऋषिकेश के शांतिमय पर्यटन स्थलों में से एक है।
शिवपुरी
शिवपुरी नामक यह स्थान ऋषिकेश से 16 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
यह स्थान रिवर राफ्टिंग, कैंपिंग, ट्रैकिंग और रॉक क्लाइंबिंग के लिए विख्यात है।
शिवपुरी साहसिक और उत्साही लोगों के लिए लोकप्रिय पर्यटन स्थल है।
इन साहसिक गतिविधियों के अलावा आप यहाँ के घने जंगलों और ऊंचे पहाड़ों का भी आनंद ले सकते हैं।
अगर आप ऋषिकेश जाएं तो शिवपुरी अवश्य जाएं।
भरत मंदिर
भगवान राम के भाई भरत को समर्पित यह मंदिर ऋषिकेश का सबसे पुराना मंदिर माना जाता है।
इस मंदिर की स्थापना गुरु शंकराचार्य द्वारा 12वीं सदी में करवाई गई थी।
त्रिवेणी घाट के पास ओल्ड टाउन में स्थित यह मंदिर अपनी वास्तुकला के लिए जाना जाता है।
1338 में तैमूर लंग ने इस मंदिर पर आक्रमण कर दिया था।
जिससे इस मंदिर का मूल स्वरूप क्षतिग्रस्त हो गया था।
इस मंदिर में शालिग्राम पत्थर पर भगवान विष्णु की एक सुंदर सी प्रतिमा को उकेरा गया है।
जो तीर्थ यात्रियों के बीच में आकर्षण का केंद्र है।
कुंजापुरी मंदिर
यह ऋषिकेश का एक प्रसिद्ध लोकप्रिय तीर्थ स्थल है।
जहाँ नवरात्रि के समय श्रद्धालुओं की भारी भरकम भीड़ रहती है।
कुंजापुरी मंदिर की समुद्र तल से ऊँचाई 1645 मीटर है। यह मंदिर ऋषिकेश से गंगोत्री मार्ग पर स्थित है।
कुंजापुरी मंदिर उत्तर में हिमालय से दक्षिण में ऋषिकेश, हरिद्वार, और दून घाटी से घिरा हुआ है।
इस मंदिर की खूबसूरती देखने लायक होती है।
यदि आप ऋषिकेश में ट्रैकिंग का आनंद लेना चाहते हैं, तो कुंजापुरी मंदिर अवश्य जाएं।
क्योंकि ऋषिकेश में कुंजापुरी मंदिर में ट्रेकिंग के लिए काफी प्रसिद्ध है।
बीटल्स आश्रम
बीटल्स आश्रम तीर्थ यात्रियों के द्वारा चौरासी कुटिया के नाम से भी जाना जाता है।
जो राम झूला से 1 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
इस आश्रम के परिसर में एक मंदिर, पुस्तकालय, महर्षि योगी का घर, मेडिटेशन झोपड़ी और एक रसोई भी है।
ये इमारतें लगभग खंडहर में बदल चुकी हैं। यह पर्यटकों का लोकप्रिय स्थल है।
यहाँ आकर आप शांति और सुकून का अनुभव करेंगे।
गीता भवन
जयदयाल गोयन्दकाजी द्वारा बनवाया गया यह मंदिर ऋषिकेश के खूबसूरत पर्यटन स्थलों में से एक है।
गीता भवन राम झूला के समीप स्थित है इस मंदिर की दीवारों दीवारों पर रामायण और महाभारत की कलाकृतियां उकेरी गई हैं।
मंदिर की दीवारों पर उकेरी गयीं ये आकृतियाँ मंदिर का मुख्य आकर्षण है।
मंदिर पर हर दिन भजन, कीर्तन और प्रवचन का आयोजन होता है।
आप यहाँ धार्मिक संगीत का आनंद भी ले सकते हैं।
इस मंदिर के परिसर में एक धर्मशाला का निर्माण करवाया गया है।
जहाँ तीर्थ यात्रियों के रुकने की समुचित व्यवस्था है।
गीता भवन ऋषिकेश में घूमने की जगह (Rishikesh Me Ghumne Ki Jagah) में एक खास जगह है।
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राजाजी नेशनल पार्क
ऋषिकेश में से 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह नेशनल पार्क प्रकृति प्रेमियों के लिए पसंदीदा पर्यटन स्थल है।
इस नेशनल पार्क का विस्तार 830 वर्ग किलोमीटर में है।
इस नेशनल पार्क का नाम भारत के अंतिम गवर्नर जनरल चक्रवर्ती राजगोपालाचारी के नाम पर किया गया है।
जो कि राजाजी वन्य जीव अभ्यारण, मोतीचूर वन्य जीव अभ्यारण और चिल्ला वन्य जीव अभ्यारण को मिलाकर 1984 में बनाया गया था।
इस नेशनल पार्क में एशियाई हाथी, चीतल, काकर, अजगर, मॉनिटर लिजर्ड, जंगली बिल्ली, सांभर, पैंथर, भालू, टाइगर, जंगली सूअर और कोबरा जैसे जानवरों का निवास स्थान है।
इस नेशनल पार्क में अगर वनस्पतियों की बात की जाए तो यहाँ पर बाँस, पीपल, बेल, बेर, चमार, अदीना, कचनार, सैंडन, अमलतास, लैंटाना, बबूल, केडिया और चीला के वृक्ष पाए जाते हैं।
नीलकंठ महादेव मंदिर
ऋषिकेश के प्राचीनतम मंदिरों की बात की जाए तो नीलकंठ महादेव मंदिर एक प्रमुख तीर्थ स्थल है।
5500 मीटर ऊँची पहाड़ी पर स्थित यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है।
इस मंदिर के ठीक सामने एक और मंदिर है जो भगवान शिव की पत्नी माता पार्वती को समर्पित है।
इस मंदिर के धार्मिक महत्व की बात की जाए तो कहा जाता है, कि समुद्र मंथन के समय भगवान शिव ने इसी स्थान पर विष ग्रहण किया था।
नीलकंठ महादेव के पास एक झरना भी है जो श्रद्धालु मंदिर में पूजा अर्चना करते हैं.
तो उन्हें पहले इसी झरने में स्नान करना होता है।
नीलकंठ महादेव मंदिर ऋषिकेश का एक प्रमुख तीर्थ स्थल है।
ऋषिकेश कब जाना चाहिए
जुलाई-अगस्त के महीने को छोड़कर आप साल के किसी भी महीने में ऋषिकेश जा सकते हैं।
क्योंकि इस समय ऋषिकेश में बाढ़ का माहौल होता है।
और कई जगहों पर भूस्खलन की समस्या भी होती है।
लेकिन मार्च-अप्रैल और सितंबर-अक्टूबर के महीने में पर्यटक ऋषिकेश जाना ज्यादा पसंद करते हैं।
ऋषिकेश कैसे पहुँचे
ऋषिकेश आप बस, ट्रेन, हवाई जहाज और खुद के वाहन से भी जा सकते हैं।
देहरादून का ग्रांट जोली हवाई अड्डा ऋषिकेश का निकटतम हवाई अड्डा है। जो की 45 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
इसके अलावा हरिद्वार रेलवे स्टेशन ऋषिकेश का निकटतम रेलवे स्टेशन है।
जो देश के सभी रेलवे स्टेशनों से जुड़ा हुआ है।
और ऋषिकेश सड़क मार्ग से भी देश के सभी शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।
ऋषिकेश घूमने का खर्चा
ऋषिकेश घूमने के लिए प्रति व्यक्ति 8000 से 10000 का खर्चा आ सकता है।
यह खर्चा आपकी जरूरत के अनुसार काम या ज्यादा भी हो सकता है।
यह आपके खाने-पीने, रुकने और घूमने के साधनों पर निर्भर करेगा।
FAQs
उत्तराखंड राज्य में स्थित ऋषिकेश उत्तराखंड के चार धामों केदारनाथ, बद्रीनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री का प्रवेश द्वार माना जाता है।
ऋषि उत्तराखंड के चार धामों का प्रवेश द्वार माना जाने वाला ऋषिकेश अपनी खूबसूरती और अपने पर्यटन और तीर्थ स्थलों के लिए प्रसिद्ध है।
राम झूला, लक्ष्मण झूला, त्रिवेणी घाट, राजा जी नेशनल पार्क और परमार्थ निकेतन उत्तराखंड के प्रमुख पर्यटन स्थल हैं।
13 मंजिला मंदिर, भरत मंदिर, कुंजापुरी मंदिर, बीटल्स आश्रम और नीलकंठ महादेव मंदिर ऋषिकेश के प्रमुख मंदिर हैं।
ऋषिकेश घूमने के लिए मार्च से जुलाई का समय सबसे उपयुक्त माना जाता है।
यदि आप सुहावने मौसम का आनंद लेना चाहते हैं तो अक्टूबर से फरवरी के बीच में भी ऋषिकेश घूमने जा सकते हैं।
देहरादून का जॉली ग्रांट एयरपोर्ट ऋषिकेश का निकटतम हवाई अड्डा है।
हरिद्वार का मोतीचूर रेलवे स्टेशन ऋषिकेश का निकटतम रेलवे स्टेशन है।
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