नमस्कार! दोस्तों आइये इस पोस्ट में बात करते हैं जोधपुर में घूमने की जगह (Jodhpur Me Ghumne Ki Jagah) के बारे में। जोधपुर राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। जोधपुर को Sun City या Blue City के नाम से भी जाना जाता है।
जोधपुर के बारे में
जोधपुर राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। यह शहर अपने पर्यटन स्थलों के लिए मशहूर है।
यहां की ऐतिहासिक इमारतें और सांस्कृतिक स्थल पर्यटकों को काफी ज्यादा आकर्षित करते हैं।
पूरे साल लोग यहां पर्यटन के दृष्टि से आते हैं। आप जोधपुर में बहुत सी रोमांचक गतिविधियां कर सकते हैं।
किलो और महलों का भ्रमण, झीलों में नौका की सवारी, खरीददारी और जोधपुर में शाही पकवानों का भी आनंद ले सकते हैं।
जोधपुर में ग्रीष्म ऋतु में अधिक गर्मी होती है। गर्मी से बचाव के कारण जोधपुर के मकानों की ज्यादातर छतें नीले रंग की बनाई गई है।
इसीलिए जोधपुर को नीला शहर या ब्लू सिटी के नाम से भी जाना जाता है।
जोधपुर में घूमने की जगह (Jodhpur Me Ghumne Ki Jagah) की बात की जाए तो जोधपुर में घूमने की बहुत सारी जगह हैं।
जिनमें से कुछ प्रमुख जगहों के बारे में नीचे बताया गया है।
जोधपुर में घूमने की जगह
- मेहरानगढ़ किला
- उम्मेद भवन संग्रहालय
- जसवंत थड़ा
- उम्मेर हेरीटेज आर्ट स्कूल
- घंटाघर
- मंडोर गार्डन
- बालसमंद झील
- तूरजी की बावड़ी
- राव जोधा डेजर्ट पार्क
- जोधपुर ब्लू सिटी
- चामुंडा माता मंदिर
- शीश महल
मेहरानगढ़ किला
मेहरानगढ़ किला जोधपुर में सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थल माना जाता है।
इस किले की वास्तुकला राजपूतों की शान का प्रतीक है।
जोधपुर शहर की एक पहाड़ी के ऊपर बने इस किले की ऊंचाई 410 फिट है।
यह किला अब एक संग्रहालय बना दिया गया है। इस किले का क्षेत्रफल 10 वर्ग किलोमीटर है।
इस किले में 300 से अधिक कमरे हैं। कमरों के अलावा किले में मंदिर, बगीचे, तालाब और झरने भी हैं।
इस किले की बबीता और खूबसूरती को देखने के लिए देश-विदेश से पर्यटक जोधपुर आते हैं।
मेहरानगढ़ किला सुबह 9:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक खुला रहता है। यहां का प्रवेश शुल्क भारतीयों के लिए ₹50 और विदेशियों के लिए ₹250 है।
उम्मेद भवन पैलेस संग्रहालय
उम्मेद भवन पैलेस जोधपुर की आखिरी मानव निर्मित ऐतिहासिक इमारत है।
इसे 1943 में महाराजा उम्मेद सिंह द्वारा बनवाया गया था। इस पैलेस में 350 से अधिक कमरे हैं।
यह सफेद संगमरमर से बनी हुई खूबसूरत इमारत अब एक पांच सितारा होटल में बदल दी गई है।
यह पैलेस जोधपुर की शान माना जाता है। क्योंकि महल के अंदर की कलाकृतियां बहुत ही खूबसूरत है।
जो की महल में पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र हैं। यदि आप जोधपुर जाएं तो इस महल में अवश्य जाएं।
यह महल पर्यटकों के लिए सुबह 9:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक खुला रहता है।
महल में प्रवेश शुल्क भारतीयों के लिए ₹100 और विदेशी पर्यटकों के लिए ₹500 है।
जसवंत थड़ा
यह जोधपुर का प्रसिद्ध स्मारक है जो महाराजा जसवंत सिंह की याद में 1899 में बनवाया गया था।
मेहरानगढ़ किले के समीप स्थित यह स्मारक पूरी तरह से सफेद संगमरमर पत्थर से बना हुआ है।
इस स्मारक की वास्तुकला बहुत ही खूबसूरत है जसवंत थड़ा जोधपुर में घूमने की जगह (Jodhpur Me Ghumne Ki Jagah) में एक खास जगह है।
यदि आप जोधपुर घूमने जा रहे हैं। तो जसवंत थोड़ा अवश्य देखने जाएं।
यह खूबसूरत स्मारक सुबह 9:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक खुला रहता है।
यहां का प्रवेश शुल्क भारतीयों के लिए ₹20 और विदेशी पर्यटकों के लिए ₹100 है।
उम्मेद हेरीटेज आर्ट स्कूल
यदि आप राजस्थानी शैली की कला-आर्ट सीखना चाहते हैं। तो आपको उम्मेद हेरीटेज आर्ट स्कूल घूमने जाना चाहिए।
यह आर्ट स्कूल जोधपुर का प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। जहां पर्यटकों को राजस्थानी शैली की आर्ट के बारे में बताया और सिखाया जाता है।
यदि आप कला और आर्ट को सीखने में रुचि रखते हैं। तो यह आपके लिए एक अच्छा विकल्प है।
यहां आपको राजस्थानी चित्रों का विशाल संग्रह देखने को मिलेगा जिन्हें आप खरीद भी सकते हैं।
उम्मेद हेरीटेज आर्ट स्कूल जोधपुर में घूमने की जगह (Jodhpur Me Ghumne Ki Jagah) में एक बहुत ही शानदार जगह है।
घंटाघर
जोधपुर का घंटाघर एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। जिसे 1898 में महाराज सरदार सिंह द्वारा बनवाया गया था।
जोधपुर का घंटाघर एक पांच मंजिला इमारत है, जिसकी चौथी मंजिल पर एक विशाल घंटाघर लगा हुआ है।
जो हर घंटे बजता है, इस घंटाघर के छत से आप पुराने जोधपुर शहर और मेहरानगढ़ किले की खूबसूरती को देख सकते हैं।
जोधपुर में सरदार बाजार के समीप स्थित यह घंटाघर शाम को जगमगाती हुई रोशनी में काफी खूबसूरत दिखता है।
और पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करता है।
घंटाघर के आसपास के बाजार से आप राजस्थानी हस्तशिल्प की वस्तुएं और राजस्थानी परिधान खरीद सकते हैं।
यह घंटाघर जोधपुर में घूमने की जगह (Jodhpur Me Ghumne Ki Jagah) में एक शानदार जगह है।
मंडोर गार्डन
मंडोर गार्डन जोधपुर का सबसे पुराना पर्यटन स्थल है।
यह छठी सदी में बनवाया गया था जो की जोधपुर की स्थापना से पहले का समय दर्शाता है।
मंडोर गार्डन जोधपुर में सबसे शांतिमय जगह है यहां आप शांतिमय वातावरण में सुकून के कुछ पल बिता सकते हैं।
इस विशाल गार्डन में कई प्रकार के फल, फूल और पेड़ है।
इस गार्डन में एक संग्रहालय ,हॉल ऑफ हीरोज और 33 कोटी देवी-देवताओं को समर्पित एक मंदिर भी है।
राव जोधा जी को मेहरानगढ़ किले में स्थानांतरित करने से पहले मंडोर गार्डन उनका निवास स्थान भी था।
यदि आप जोधपुर जा रहे हैं तो आप अपना कुछ समय मंडोर गार्डन में अवश्य बिताएं।
मंडोर गार्डन जोधपुर में घूमने की जगह में एक प्रमुख एवं लोकप्रिय जगह है।
बालसमंद झील
बालसमंद झील जोधपुर की सबसे बड़ी झील है। यह एक मानव निर्मित झील है।
जिसका निर्माण बारहवीं सदी में महाराजा जसवंत सिंह ने करवाया था।
पुराने समय में यह झील जोधपुर शहर में पानी का प्रमुख स्रोत थी। लेकिन अब वह लोकप्रिय पिकनिक स्पॉट है।
इस झील में आप कई तरह के पक्षी जैसे सारस, बत्तख और कबूतर देख सकते हैं।
बालसमंद झील को देखने के लिए प्रतिवर्ष लाखों लोग जोधपुर आते हैं।
इस झील में आप नौका की सवारी, मछली पकड़ना और पक्षियों की क्रीड़ा आदि का आनंद ले सकते हैं।
झील के नजदीक एक खूबसूरत पार्क है। जिसमें आप अपनी पिकनिक और भी रोमांचक बना सकते हैं।
झील में आप सुबह 9:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक भ्रमण के लिए जा सकते हैं।
यहां भारतीयों का प्रवेश शुल्क ₹20 और विदेशी पर्यटकों का प्रवेश शुल्क ₹100 है।
तूरजी की बावड़ी
तूरजी की बावड़ी लाल पत्थर से बनी संरचना है जो की एक विशाल कुआं है।
यह 100 फीट गहरा कुआं 18 वीं सदी में बनवाया गया था। यह बावड़ी लाखों पर्यटकों के बीच आकर्षण का केंद्र है।
अगर आप जोधपुर में घूमने (Jodhpur Me Ghumne Ki Jagah) जाना चाहते हैं तो तूरजी की बावड़ी अवश्य जाएं।
राव जोधा डिजर्ट पार्क
मेहरानगढ़ किले के पास स्थित यह पार्क 2006 में बनवाया गया था। जो की जोधपुर का एक प्रमुख पिकनिक स्पॉट है।
284 बीघा में फैला हुआ यह पार्क विभिन्न प्रकार की रेगिस्तानी वनस्पतियों का संग्रहालय है। जिसमे विभिन्न प्रकार की घासें कैकटियाँ और झाड़ शामिल है। राव जोधा डेजर्ट पार्क जोधपुर में एक शांतिमय वातावरण वाला स्थान है।
जहां आप शांति का अनुभव कर सकते हैं।
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ब्लू सिटी
जोधपुर को ब्लू सिटी के नाम से भी जाना जाता है। जोधपुर को ब्लू सिटी इसलिए कहा जाता है।
क्योंकि यहां अधिकतर मकान नीले रंग से रंगे गए हैं। नीले रंग से रंगने का कारण यह है कि जोधपुर एक रेगिस्तान शहर है।
जहां अधिक गर्मी पड़ती है इसी गर्मी से बचने के लिए शहर के मकानों को नीले रंग से रंगा गया है।
शहर के ये नीले घर पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।
चामुंडा माता मंदिर
जोधपुर का चामुंडा माता मंदिर एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है। यह मंदिर माता सती के 51 शक्तिपीठों में से एक है।
इस मंदिर का निर्माण जोधपुर के संस्थापक राव जोधा जी ने करवाया था।
उन्होंने चामुंडा माता की मूर्ति को मंडोर से लाकर स्थापित किया था। चामुंडा माता मंदिर मेहरानगढ़ किले के पास स्थित है।
अगर आप जोधपुर में किसी धार्मिक स्थल को खोज रहे हैं। तो चामुंडा माता मंदिर आपके लिए एक अच्छा विकल्प है।
शीश महल
जोधपुर में मेहरानगढ़ किले के परिसर में स्थित एक खूबसूरत महल है जो पर्यटकों का पसंदीदा स्थल है।
इस महल की दीवारें और छत शीशे की बनी है जो पर्यटकों के बीच आकर्षण का केंद्र है।
जोधपुर कब जाना चाहिए
जोधपुर में पूरे साल अधिकतर समय गर्मी पड़ती है। इसलिए आपको जोधपुर अक्टूबर से फरवरी के महीने में जाना चाहिए।
क्योंकि इस समय जोधपुर का मौसम सुहावना रहता है और जोधपुर के ज्यादातर उत्सव और महोत्सव इसी समय हुआ करते हैं।
जोधपुर कैसे पहुंचे
जोधपुर आप बस, ट्रेन, हवाई जहाज और खुद के वाहन से भी जा सकते हैं।
अगर आप हवाई जहाज से जोधपुर जाना चाहते हैं। तो जोधपुर में जोधपुर हवाई अड्डा यहां का निकटतम हवाई अड्डा है। और यह हवाई अड्डा देश के सभी शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।
इसके अलावा जोधपुर में रेलवे स्टेशन भी है जो देश के प्रमुख शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।
अगर जोधपुर में सड़क मार्ग से पहुंचने की बात की जाए तो राजस्थान परिवहन की बसों द्वारा या सीमावर्ती राज्यों की परिवहन बसों द्वारा और खुद के वाहनों द्वारा भी जोधपुर जाया जा सकता है।
जोधपुर में घूमने का खर्चा
जोधपुर में घूमने के लिए प्रति व्यक्ति 8000 से ₹12000 तक का खर्चा हो सकता है।
एक खर्चा कम या ज्यादा भी हो सकता है जो कि आपके रुकने, घूमने और खाने-पीने के साधनों पर निर्भर करेगा।
FAQs
ब्लू सिटी के नाम से प्रसिद्ध जोधपुर राजस्थान राज्य में पड़ता है। जोधपुर राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा शहर भी है।
अपनी कला, संस्कृति, स्थापत्य कला, महलों एवं शाही व्यंजनों के अलावा जोधपुर अपनी राजपूताना शान के लिए भी जाना जाता है।
मेहरानगढ़ किला, उम्मेद भवन, जसवंत थड़ा, घंटाघर, तुरजी बावड़ी, जोधपुर ब्लू सिटी और शीश महल जोधपुर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल हैं।
मिर्ची बड़ा और मावा कचौड़ी जोधपुर के प्रसिद्ध व्यंजन हैं।
घंटाघर मार्केट जोधपुर की सबसे अच्छी मार्केट है यहां से आप राजस्थानी हस्तशिल्प की वस्तुएं भी खरीद सकते हैं।
जोधपुर एक रेगिस्तानी शहर है यहाँ काफी ज्यादा गर्मी होती है। इसीलिए आपको अक्टूबर से फरवरी के महीने में जोधपुर घूमने के लिए जाना चाहिए। क्योंकि इस समय यहां का मौसम सुहावना रहता है।
जबकि उत्तर भारत के ज्यादातर हिस्सों में शीत लहर का प्रकोप रहता है।
अगर आप हवाई जहाज से जोधपुर जाना चाहते हैं तो जोधपुर में जोधपुर हवाई अड्डा स्थित है। जो देश के सभी हवाई अड्डों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।
जोधपुर जंक्शन रेलवे स्टेशन जोधपुर का प्रमुख रेलवे स्टेशन है। जो देश के सभी रेलवे स्टेशनों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।
यहां देश के हर छोटे-बड़े शहर से ट्रेन आती और जाती है।
जोधपुर राठौर राजवंश की राजधानी था।
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