आइये दोस्तों इस पोस्ट में बात करते हैं लुधियाना में घूमने की जगह (Ludhiana Me Ghumne Ki Jagah) के बारे में।
लुधियाना पंजाब राज्य का सबसे बड़ा शहर है जो अपने वस्त्र उद्योग के लिए प्रसिद्ध है।
इस औद्योगिक नगरी लुधियाना में घूमने की बहुत सी जगह हैं। जिनके बारे में इस लेख आगे बताया गया है।
लुधियाना के बारे में (About Ludhiana)
भारत के पंजाब प्रांत में सतलुज नदी के किनारे स्थित लुधियाना शहर को पंजाब का मैनचेस्टर कहा जाता है।
जो अपने वस्त्र उद्योग के लिए विख्यात है। लुधियाना को भारत के विकसित शहरों में गिना जाता है।
लुधियाना को दो भागों में ओल्ड सिटी और न्यू सिटी में बांटा गया है। लुधियाना की स्थापना 1480 ईस्वी में लोदी वंश के शासक सिकंदर लोदी द्वारा कराई गई थी।
लोदी राजवंश के नाम पर ही इस शहर का नाम लुधियाना रखा गया था।
इस खूबसूरत लुधियाना शहर में घूमने लायक बहुत सी प्राचीन एवं ऐतिहासिक जगह हैं।
इन जगहों को पर्यटन की दृष्टि से आधुनिक तरीके से विकसित कर दिया गया है। जहाँ आप अपने पार्टनर, परिवार एवं दोस्तों के साथ जा सकते हैं।
इस लेख में लुधियाना में घूमने की इन्हीं खूबसूरत जगहों के बारे में विस्तार से बताया गया है।
लुधियाना में घूमने की जगह | Ludhiana Me Ghumne Ki Jagah
- महाराजा रणजीत सिंह युद्ध संग्रहालय
- पुराण किला या लोदी किला
- लुधियाना चिड़ियाघर
- नेहरू रोजगार गार्डन
- राख बाग
- गुरुद्वारा नानकसर जगराओं
- फिल्लौर किला
- आलमगीर
- चरण कंवल साहिब गुरुद्वारा
- किला रायपुर ग्रामीण ओलंपिक
- मस्जिद भीर
1. महाराजा रणजीत सिंह युद्ध संग्रहालय
4 एकड़ भूमि में फैला हुआ महाराज महाराजा रणजीत सिंह युद्ध स्मारक का निर्माण पंजाब सरकार द्वारा युद्ध में प्राणों को न्योछावर करने वाले वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए करवाया गया है। जो अब लुधियाना का प्रमुख पर्यटक आकर्षण है।
इस संग्रहालय में महाराजा रणजीत सिंह के समय से लेकर कारगिल युद्ध तक के युद्धों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां मिलती हैं।
पर्यटक यहाँ आकर रक्षाबलों के महत्व और उनके बलिदान के बारे में जान सकते हैं।
प्रतिवर्ष लाखों लोग महाराजा रणजीत सिंह युद्ध संग्रहालय को देखने के लिए आते हैं।
सोमवार को यह संग्रहालय बंद रहता है और यहाँ प्रवेश शुल्क वयस्कों के लिए ₹40 और बच्चों के लिए ₹20 है। महाराजा रणजीत सिंह युद्ध संग्रहालय लुधियाना में घूमने की जगह (Ludhiana Me Ghumne Ki Jagah) में प्रमुख जगह है।
2. पुराना किला या लोधी किला
लुधियाना में स्थित लोदी किला कभी महाराजा रणजीत सिंह के साम्राज्य की शान हुआ करता था।
लेकिन अब यह किला खंडहर में तब्दील हो चुका है। फिर भी यह किला लुधियाना में पर्यटकों का प्रमुख आकर्षण है।
भव्य संरचना वाला यह किला अपनी नक्काशी और कलाकृतियों की वजह से पर्यटक इसे देखकर मन्त्रमुग्ध हो जाते हैं।
लोधी किला लुधियाना की स्थानीय भाषा में पुराने किले के नाम से प्रसिद्ध है। जो लुधियाना में घूमने की जगह में एक प्रमुख जगह है।
इस किले में सुबह 6:00 से शाम 7:30 बजे तक पर्यटकों का को प्रवेश करने की अनुमति होती है।
फरवरी से अप्रैल के बीच पर्यटक यहाँ घूमना पसंद करते हैं।
3. लुधियाना चिड़ियाघर
लुधियाना में जालंधर बाईपास पर स्थित लुधियाना जू बच्चों के घूमने के लिए बेहतरीन जगह है।
यहाँ टाइगर सफारी का भी आनंद लिया जा सकता है।
इस खूबसूरत चिड़ियाघर में 265 तरह के पक्षी और जानवर मौजूद हैं। जिनमें जैकाल, हिमालयन भालू, काला भालू, गोल्डन सीजेन्ट, बत्तखें, तोते, टाइगर, तेंदुआ प्रमुख हैं।
रोजाना यहाँ 500 से अधिक लोग घूमने आते हैं।
यहाँ का प्रवेश शुल्क बच्चों के लिए ₹20 जबकि वयस्कों के लिए ₹30 है।
चिड़ियाघर लुधियाना में घूमने की जगह (Ludhiana Me Ghumne Ki Jagah) में खास एवं मनोरंजन दायक जगह है।
4. नेहरू रोज गार्डन
नेहरू रोज गार्डन लुधियाना का खूबसूरत एवं लोकप्रिय गार्डन है।
27 एकड़ क्षेत्र में फैले इस गार्डन की स्थापना 1967 में की गई थी।
इस गार्डन में तरह-तरह के रंग-बिरंगे फूलों वाले पौधे लगे हुए हैं। जो इस गार्डन का प्रमुख आकर्षण हैं।
नेहरू रोज गार्डन लुधियाना में एक प्रसिद्ध पिकनिक स्पॉट है। रात में यहाँ लेजर लाइट शो और संगीत होता है।
अगर आप लुधियाना में कोई शांतिमय स्थान की तलाश में हैं। तो नेहरू रोज गार्डन एक उचित विकल्प है।
5. राख बाग
राख बाग लुधियाना का एक खूबसूरत पार्क है जो बच्चों के बीच बहुत ज्यादा लोकप्रिय है।
यहाँ बच्चों के लिए बहुत सारे झूले खिलौने और पूरा पार्क टॉय ट्रेन से घिरा हुआ है।
जिसमें बच्चे पूरे दिन यहाँ पर खेल सकते हैं, दौड़ सकते हैं और व्यायाम भी कर सकते हैं।
साथ ही यहाँ पर वयस्क भी समय व्यतीत करने के लिए आते हैं।
यहाँ का माहौल हरे-भरे पेड़-पौधे और शांतिमय वातावरण के कारण अत्यंत मनमोहक है।
राख बाग लुधियाना में घूमने की जगह (Ludhiana Me Ghumne Ki Jagah) में एक खूबसूरत जगह है।
6. गुरुद्वारा नानकसर जगराओं
गुरु गोविंद सिंह के संस्मरणों के लिए प्रसिद्ध यह गुरुद्वारा सिखों के लिए एक पवित्र तीर्थ स्थल है।
यहाँ देश भर से सिख धर्म के अनुयायी आते हैं। नानकसर सरोवर के पास स्थित इस गुरुद्वारे की स्थापना 1975 में सिख संत बाबा ने की थी।
एक इस गुरुद्वारे के परिसर में अगस्त महीने में 5 दिन का एक उत्सव आयोजित किया जाता है जो इस गुरुद्वारे का प्रमुख आकर्षण है।
इस उत्सव में लाखों सिख श्रद्धालु शामिल होते हैं। यहाँ पर गुरु नानक जयंती, गुरु गोविंद सिंह, गुरु हरगोविंद और गुरु अर्जन सिंह की शहीदी भी धूमधाम से मनाई जाती है।
लुधियाना से 38 किलोमीटर दूर स्थित यह गुरुद्वारा लुधियाना के निकट एक खूबसूरत पर्यटन स्थल है।
7. फिल्लौर किला
यूरोपीय वास्तुकला में बना यह किला लुधियाना के ऐतिहासिक स्थलों में से एक है।
इस किले के चारों तरफ एक खाई बनी हुई है और इस किले के चारों तरफ फैली हुई है।
इसके चारों कोनों पर चार बुर्ज, दो वॉच टॉवर, ऊंचे-ऊंचे द्वार और 4.7 मीटर ऊंची दीवार का निर्माण कराया गया है
200 साल पुराने इस किले को अब पुलिस प्रशिक्षण केंद्र और फिंगरप्रिंट ब्यूरो के रूप में उपयोग में लाया जाता है। और पर्यटकों के लिए सिर्फ गुरुवार के दिन ही खुलता है।
पंजाब के गौरवपूर्ण इतिहास को संजोय हुए इस खूबसूरत किले को देखने के लिए साल में लाखों लोग लुधियाना आते हैं।
फिल्लौर किला लुधियाना का एक खूबसूरत पर्यटन स्थल भी है।
8. आलमगीर
आलमगीर लुधियाना के निकट स्थित एक छोटा सा गांव है जो श्रीमानजी साहिब गुरुद्वारा के लिए प्रसिद्ध है।
यह गुरुद्वारा सिखों का एक पवित्र तीर्थ स्थल है। श्रीमानजी साहिब गुरुद्वारा का लंगर हाल देश के सबसे बड़े लंगर हॉल में से एक है।
जहाँ दिन में हजारों लोगों को मुफ्त में खाना खिलाया जाता है।
अन्य सभी गुरुद्वारों की तरह श्रीमानजी साहिब गुरुद्वारा भी स्वच्छता और शांति को प्रधानता देता है।
मुगलों ने यहाँ पर बड़ी संख्या में नरसंहार किया था। जिसके विरोध में गुरु गोविंद सिंह को यहाँ आना पड़ा।
जिसके परिणाम स्वरुप हजारों सिखों को मौत देखनी पड़ी।
जिनके सम्मान में यहाँ पर एक भूमिगत मंदिर का भी निर्माण किया गया है।
इसकी इसी ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए हर संप्रदाय के लोग श्रीमानजी साहिब गुरुद्वारा देखने आते हैं।
श्रीमानजी साहिब गुरुद्वारा लुधियाना का एक खूबसूरत पर्यटन स्थल और तीर्थ स्थल है।
9. चरण कंवल साहिब गुरुद्वारा
लुधियाना-चंडीगढ़ मार्ग पर स्थित चरण कंवल साहिब गुरुद्वारा लुधियाना का खूबसूरत पर्यटन स्थल है और तीर्थ स्थल है।
इस गुरुद्वारे की सुंदर वास्तुकला और वातावरण पर्यटकों को आकर्षित करता है।
चरण कंवल साहिब गुरुद्वारे के बारे में मान्यता है कि जब औरंगजेब की सेना ने आक्रमण किया तो गुरु गोविंद सिंह ने उनका विरोध किया और उन्हें निकट के माछीवाड़ा जंगल में भगा दिया और खुद यहीं पर विश्राम किया था।
इस गुरुद्वारे के परिसर में प्रतिवर्ष मेले का आयोजन होता है। जिसमें शामिल होने के लिए देश-विदेश से पर्यटक लुधियाना आते हैं।
10. किला रायपुर ओलंपिक ग्रामीण ओलंपिक
लुधियाना से 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित रायपुर गांव अपने ग्रामीण ओलंपिक के लिए विश्व विख्यात है।
इन खेलों में पूरे राज्य और आसपास के राज्यों के खिलाड़ी भाग लेते हैं।
यह गांव अपनी रंग-बिरंगी वेशभूषा, त्यौहार, सांस्कृतिक कार्यक्रम, हरियाली, खेत-खलिहान और जीवन शैली के लिए भी जाना जाता है।
यहाँ अन्य गांवों की तरह बड़े-बड़े लहराते गेहूं और सरसों के खेत हैं जो यहाँ का नजारा अत्यंत मनमोहक बनाते हैं।
रायपुर गांव लुधियाना में घूमने की घूमने की जगह (Ludhiana Me Ghumne Ki Jagah) में एक प्रमुख जगह है।
11. मस्जिद भीर
लुधियाना में स्थित मस्जिद भीर यहाँ इस्लाम धर्म के अनुयायियों के लिए महत्वपूर्ण स्थल है।
19वीं सदी में निर्मित यह मस्जिद लुधियाना में इस्लाम धर्म के लिए एक लोकप्रिय तीर्थ स्थल बन चुकी है।
यह खूबसूरत ऐतिहासिक मस्जिद अपनी खूबसूरती और पवित्रता के लिए जानी जाती है।
जहाँ इस्लाम ही नहीं बल्कि अन्य धर्मों के लोग भी शीश झुकाते हैं। इस मस्जिद में बड़ी संख्या में श्रद्धालु प्रतिवर्ष आते हैं।
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लुधियाना कैसे पहुंचे
लुधियाना आप बस, ट्रेन, हवाई जहाज या खुद के वाहन से पहुंच सकते हैं।
अगर आप वायु मार्ग से लुधियाना जाना चाहते हैं तो बता दें कि लुधियाना में सहेनबाल हवाई अड्डा है।
जो सिर्फ नई दिल्ली के लिए ही उड़ानों का संचालन करता है।
लेकिन लुधियाना के निकट अमृतसर और चंडीगढ़ में अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे बने हुए हैं जो देश के सभी प्रमुख हवाई अड्डों से अच्छी तरह जुड़े हुए हैं।
लुधियाना में स्थित लुधियाना जंक्शन रेलवे स्टेशन शहर का प्रमुख रेलवे स्टेशन है जो देश के सभी शहरों से भली-भाँति जुड़ा हुआ है।
सड़क मार्ग से भी लुधियाना देश के सभी हिस्सों से जुड़ा हुआ है जिसके माध्यम से आप निजी बस, राज्य परिवहन की बस या खुद के वाहन से लुधियाना जा सकते हैं।
लुधियाना स्थानीय परिवहन के मामले में भी लुधियाना में उचित सेवाएं हैं। आप लुधियाना में ऑनलाइन भी कैब और ऑटो की बुकिंग कर सकते हैं।
लुधियाना कब जाना चाहिए
अगर आप लुधियाना घूमने का मन बना चुके हैं तो बता दूं कि आपको दिसंबर से फरवरी के बीच लुधियाना जाना चाहिए।
क्योंकि इस समय यहाँ का मौसम सर्द होता है जो पंजाब में घूमने का सही मौसम माना जाता है।
लुधियाना में घूमने का खर्चा
लुधियाना में घूमने के लिए प्रति व्यक्ति 8000 से 12000 रुपए तक का खर्चा हो सकता है।
जो आपके आने-जाने, खाने-पीने, रहने और घूमने के साधनों पर निर्भर करेगा। अर्थात यह खर्चा कम या ज्यादा भी हो सकता है।
FAQs
भारत के पंजाब प्रांत में स्थित लुधियाना राज्य का सबसे बड़ा शहर है जो भारत के प्रमुख औद्योगिक शहरों में से एक है। सूती वस्त्रो का हब होने के कारण लुधियाना को पंजाब का मैनचेस्टर कहा जाता है।
सतलुज नदी के किनारे स्थित लुधियाना शहर अपनी खूबसूरती एवं वस्त्र उद्योग के लिए प्रसिद्ध है।
पंजाब का खूबसूरत शहर लुधियाना अपनी कला, संस्कृति, वस्त्र उद्योग, स्वादिष्ट पकवानों और उत्सवों के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ स्थित गुरुद्वारों में समय-समय पर त्योहारों का और उत्सवों का आयोजन करवाया जाता है।
लुधियाना में स्वादिष्ट पंजाबी भोजन खासकर चिकन और पनीर का स्वाद अद्वितीय होता है।
यहाँ का ज्यादातर भोजन तंदूर में पकाया जाता है। राजमा-चावल, कढ़ी-चावल, दाल मखनी और छोले भटूरे भी लुधियाना का प्रसिद्ध भोजन है। बादाम और केसर से बनी पटियाला लस्सी यहाँ का लोकप्रिय पेय है।
लोदी वंश के शासक सिकंदर लोदी ने लुधियाना शहर की स्थापना करवाई थी लोदी वंश के नाम पर इस शहर का नाम लुधियाना पड़ा।
निष्कर्ष
इस पोस्ट में लुधियाना में घूमने की जगह (Ludhiana Me Ghumne Ki Jagah) के बारे में बताया गया है।
साथ यह भी बताया गया है कि लुधियाना में घूमने का कितना खर्चा होगा, लुधियाना कैसे पहुंचा जा सकता है और लुधियाना कब जाना चाहिए।
यह जानकारी इंटरनेट पर पहले से उपलब्ध जानकारी को सत्यापित करके एक जगह पर प्रकाशित करने का प्रयास है।
आशा करता हूं कि मेरे द्वारा दी गई जानकारी आपको पसंद आई होगी और आपके काम की भी होगी।
अगर इस पोस्ट में आपको कोई त्रुटि लगे या कोई सुझाव हो तो मुझे कमेंट करके अवश्य बताइए।