Bihar Me Ghumne Ki Jagah | बिहार में घूमने की जगह

दोस्तों आइये आज हम बात करते हैं बिहार में घूमने की जगह (Bihar Me Ghumne Ki Jagah) के बारे में। 

बिहार के बारे में

16 महाजनपद काल में बिहार को मगध के नाम से जाना जाता था। जो की सबसे शक्तिशाली राज्य हुआ करता था। मगध की राजधानी पाटलिपुत्र (आज पटना) हुआ करती थी। बिहार धार्मिक दृष्टिकोण से भी बहुत प्रसिद्ध जगह रही है। 

बिहार में ही फल्गु नदी के किनारे भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी और महात्मा बुद्ध ने अपने जीवन काल का बहुत सारा समय बिहार की जमीन पर व्यतीत किया। 

बिहार में जैन धर्म के 24 में तीर्थंकर भगवान महावीर का भी जन्म हुआ था। 

महावीर का जन्म तत्कालीन वैशाली गणराज्य में हुआ था। 

बिहार के पावापुरी नामक स्थान पर भगवान महावीर को दफनाया गया था। 

बिहार जैन धर्म और बौद्ध धर्म के अलावा हिंदू धर्म का भी केंद्र है। 

इसके अलावा बिहार में स्थित नालंदा विश्वविद्यालय प्राचीन काल में शिक्षा का केंद्र रहा है। 

बिहार में घूमने की जगह (Bihar Me Ghumne Ki Jagah) की बात की जाए तो बिहार में घूमने की बहुत सी जगह है।

बिहार में घूमने की जगह (Bihar Me Ghumne Ki Jagah)

  1. बोधगया
  2. वैशाली
  3. पावापुरी
  4. राजगीर
  5. नालंदा
  6. नौलखा पैलेस
  7. पटना
  8. सासाराम
  9. मधुबनी
  10. मुजफ्फरपुर

बोधगया

Mahabodhi Temple Bodhgaya Me ghumne ki jagah hai
Mahabodhi Temple Bodhgaya

बिहार में गया जिले के अंदर फल्गु नदी के किनारे स्थित बोधगया बौद्ध धर्म का सबसे प्रसिद्ध तीर्थ स्थल माना जाता है। 

यहीं पर बोधि वृक्ष के नीचे भगवान गौतम बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। यहाँ बौद्ध धर्म के कई बौद्ध मठ बने हुए हैं। 

यहाँ पर मौर्य काल और गुप्त काल के मंदिर बने हुए हैं। महाबोधि मंदिर, बराबर गुफाएं, बोधिवृक्ष, चीनी मंदिर और  मठ, बोधगया पुरातत्व संग्रहालय, मुचलिंडा झील, थाई मंदिर और मठ और रॉयल भूटान मठ यहाँ के प्रमुख पर्यटक आकर्षण है। 

बोधगया बिहार का प्रमुख पर्यटन स्थल है।

जहाँ देश-विदेश से लोग बौद्ध धर्म की जानकारी लेने और यहाँ भ्रमण  करने के लिए आते हैं।

अगर आप भी बिहार जाए तो बोधगया अवश्य जाएं। 

वैशाली

Vaishali A Holly City in Bihari.
vaishali bihar me ghumne ki jagah hai
Vaishali A Holly City in Bihar

वैशाली का प्राचीन भारत के इतिहास में बहुत महत्व है। 

यहाँ के गौरवशाली इतिहास के अनुसार वैशाली लिच्छवी वंश की राजधानी हुआ करती थी। 

वैशाली गणराज्य में स्थित कुंडलग्राम नामक स्थान पर जैन धर्म के 24 में तीर्थंकर भगवान महावीर का जन्म हुआ था। 

यह स्थान धार्मिक दृष्टिकोण से जैन धर्म का प्रमुख केंद्र भी है, साथ ही वैशाली बौद्ध धर्म का भी प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है।

वैशाली में ही भगवान बुद्ध ने अपना अंतिम उपदेश दिया था। 

पावापुरी

Pawapuri Holly Place For Jains 
pawapuri bihar me ghumne ki jagah hai
Pawapuri Holly Place For Jains

पावापुरी जैन धर्म के सबसे पवित्र स्थलों में से एक है। यहीं पर भगवान महावीर को मोक्ष की प्राप्ति हुई थी। 

मोक्ष प्राप्ति के बाद उन्हें पावापुरी में ही दफना दिया गया था। पावापुरी नामक यह स्थान बिहार के नालंदा जिले में स्थित है। 

जो कि बिहार की राजधानी पटना से 80 किलोमीटर की दूरी पर है।

पावापुरी में स्थित जल मंदिर यहाँ का प्रमुख पर्यटक आकर्षण है। पावापुरी बिहार में घूमने की जगह (Bihar Me Ghumne Ki Jagah) में प्रमुख जगह है। 

राजगीर

Shanti Stupa Rajgir me ghumne ki jagah hai
Shanti Stupa Rajgir

राजगीर भारत के प्राचीनतम शहरों में से एक है। इसकी स्थापना 3000 वर्ष पहले मानी जाती है। 

पाटलिपुत्र से पहले राजगीर मगध साम्राज्य की राजधानी हुआ करता था। 

राजगीर का पुराना नाम राजगृह हुआ करता था। राजगीर जैन धर्म और बौद्ध धर्म का प्रमुख तीर्थ स्थल है। 

राजगीर में ही बौद्ध धर्म और जैन धर्म से जुड़ी मूर्तियां पत्थर से तराशकर बनाई गई है। 

यह शहर 7 राजस्व पहाड़ियों से घिरा हुआ है। 

बिंबिसार के शासनकाल में भगवान बुद्ध और भगवान महावीर को राजगृह में संरक्षण प्राप्त था। 

और इन्होंने अपना जीवन अपने जीवन काल का सबसे ज्यादा समय यहीं पर व्यतीत किया। 

राजगीर में घूमने की जगह (Rajgir Me Ghumne Ki Jagah) की बात की जाए तो अवशेष स्तूप, कुटागरशाला विहार, राज्याभिषेक टैंक, विश्व शांति शिवालय, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण संग्रहालय, बावन पोखर मंदिर, कुंडलपुर,
राजा विशाल का गढ़ और चौमुखी महादेव राजगीर में घूमने की जगह में प्रमुख जगह है। 

नालंदा

Nalanda  Bihar Me Ghumne Ki Jagah Hai
Nalanda

नालंदा बिहार में घूमने की जगह (Bihar Me Ghumne Ki Jagah )में एक अच्छी जगह है। नालंदा का नालंदा विश्वविद्यालय संभवत दुनिया का पहला विश्वविद्यालय है। 

यह विश्वविद्यालय बौद्ध धर्म और जैन धर्म की शिक्षा का प्रमुख केंद्र है। 

यहाँ भगवान महावीर ने 14 मानसून व्यतीत किए थे और भगवान बुद्ध ने भी यहाँ पर आम के पेड़ के नीचे बैठकर भाषण दिया था। 

जिसके चलते नालंदा एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल माना जाता है। 

इस शिक्षा के केंद्र की खेती प्राचीन काल में इतनी थी कि चीनी यात्री ह्वेनसांग ने दो वर्षों तक यहाँ रहकर बौद्ध धर्म का अध्ययन किया था। 

और दूसरे चीनी यात्री आई-त्सिंग ने नालंदा विश्वविद्यालय में 10 वर्षों तक अध्ययन किया था। 

यह प्रसिद्ध नालंदा विश्वविद्यालय अब खंडहरों में बदल चुका है। लेकिन यह खंडहर बिहार का प्रमुख पर्यटन स्थल है। 

नौलखा पैलेस

Navlakha Palce is the best tourist place in bihar
Navlakha Palace

बिहार के राजनगर में स्थित इस नौलखा महल का निर्माण महाराज रामेश्वर सिंह ने करवाया था। 

इस महल के परिसर में एक बगीचा एक मंदिर और एक विशाल तालाब बना हुआ है। 

जो इसे एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल बनाते हैं। फिलहाल यह महल एक खंडहर में बदल चुका है। 

इसके खंडहर में बदलने का कारण 1934 में आया भयंकर भूकंप है। 

भूकंप से इस महल का विशाल हिस्सा ढह गया। नौलखा पैलेस बिहार में घूमने की जगह (Bihar Me Ghumne Ki Jagah) में प्रमुख जगह है। 

पटना

Patna Golghar patna me ghumne ki jagah hai
Patna Golghar

गंगा नदी के किनारे स्थित यह शहर बिहार की राजधानी है। पटना का पुराना नाम पाटलिपुत्र हुआ करता था। 

जो 16 महाजनपद काल में मगध साम्राज्य की राजधानी हुआ करता था। 

पटना बौद्ध धर्म और जैन धर्म के अलावा सिख धर्म का भी प्रसिद्ध तीर्थ स्थान है। 

यही सिखों के दसवें गुरु गुरु गोविंद सिंह का जन्म हुआ था। जिससे पटना सिखों का प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है। 

पटना बिहार में घूमने की जगह में सबसे लोकप्रिय जगह है। 

पटना में घूमने की जगह (Patna Me Ghumne Ki Jagah) की बात की जाए तो तख़्त श्री, पटना साहिब, गुरु गोविंद सिंह घाट, किला हाउस, दीदारगंज यक्षी, आगम कुआँ, पटना संग्रहालय, गुरुद्वारा बाल लीला और पहला बड़ा प्रमुख जगह है । 

सासाराम

Sher Shah Suri Ka Makbara sasaram me ghumne ki jagah hai
Sher Shah Suri Ka Makbara

बिहार के रोहतास जिले में स्थित सासाराम अपने खूबसूरत पर्यटन स्थल शेरशाह सूरी के मकबरे के लिए जाना जाता है। 

शेरशाह सूरी का मकबरा हिंदू-इस्लामी वास्तुकला शैली में बना हुआ है। 

इसकी वास्तुकला इसे भारत के प्रमुख मकबरों में से एक बनाती है। 

यह मकबरा लाल बलुआ पत्थर से बना हुआ है।  इसे दूसरा ताजमहल भी कहा जाता है। 

जो 1540 से 1545 में बनकर तैयार हुआ था। यह मकबरा विश्व के पर्यटन स्थलों में बिहार की शान  माना जाता है।  

इसका वास्तुकार मीर मोहम्मद अली वालों खान था। यह मकबरा एक कृत्रिम झील के अंदर बना हुआ है। 

शेरशाह सूरी का मकबरा बिहार में घूमने की जगह (Bihar Me Ghumne Ki Jagah) है। 

मधुबनी

Madubani is the best place to visit in bihar
Madubani paintings

मधुबनी भारत के प्राचीनतम शहरों में से एक है। मधुबनी अपनी कला, संस्कृति और चित्रकारी के लिए जाना जाता है। 

यहाँ भाई संख्या में पर्यटक आते हैं मधुबनी की पेंटिंग्स पूरी दुनिया में विख्यात है। 

इस छोटे शहर में बहुत सारे मंदिर और अन्य धार्मिक स्थल हैं। मधुबनी बिहार में घूमने की जगह (Bihar Me Ghumne Ki Jagah) में खास जगह है। 

मुजफ्फरपुर

Muzaffarpur is the best tourist attraction in bihar
Muzaffarpur

मुजफ्फरपुर बिहार का प्रमुख शहर है जो लीची उत्पादन के लिए विख्यात है।

बूढी गंडक के किनारे स्थित यह शहर बिहार में आधुनिक शिक्षा का केंद्र है। मुजफ्फरपुर में घूमने (Muzaffarpur Me Ghumne Ki Jagah) के लिए बहुत सी जगह है। 

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बिहार घूमने का सही समय

बिहार में घूमने के लिए अक्टूबर से मार्च का समय सबसे उचित समय है। 

क्योंकि इस समय बिहार में आई हुई बाढ़ का पानी सुखा हुआ होता है और आप आसानी से बिहार के किसी भी शहर में भ्रमण कर सकते हैं। 

और आपको जून से सितंबर के महीने में बिहार जाने से बचना चाहिए क्योंकि इस समय बिहार के अधिकांश हिस्सों में भारी बाढ़ आई हुई होती है। 

बिहार कैसे पहुंचे

बिहार आप बस, ट्रेन और हवाई जहाज या खुद के वाहन से किसी का भी चयन कर सकते हैं। 

अगर हवाई जहाज से बिहार जाने की बात की जाए तो बिहार में चार प्रमुख हवाई अड्डे हैं जिसमें गया इंटरनेशनल एयरपोर्ट, जयप्रकाश नारायण एयरपोर्ट पटना, जोधपुर एयरपोर्ट मधुबनी और मुजफ्फरपुर एयरपोर्ट मुजफ्फरपुर। इसके अलावाअगर रेल मार्ग की बात की जाए तो बिहार में कुछ बड़े-बड़े रेलवे स्टेशन भी है जो बिहार के पटना, गया, मधुबनी और मुजफ्फरपुर जैसे शहरों में स्थित है। 

साथ ही सड़क मार्ग द्वारा बिहार के सभी छोटे-बड़े शहर आपस में अच्छी तरह जुड़े हुए हैं। 

अतः आप खुद के वाहन से भी बिहार में अच्छी तरह से घूम सकते हैं। 

बिहार में घूमने का खर्चा

बिहार में घूमने के लिए प्रति व्यक्ति 8000 से ₹10000 तक का खर्चा हो सकता है। 

यह खर्चा कम या ज्यादा भी हो सकता है जो कि आपके रहने, खाने-पीने और घूमने के साधनों पर निर्भर करेगा। 

FAQs

बिहार में कौन-कौन से तीर्थ स्थल है?

बोधगया, वैशाली, पवापुरी, राजगीर और नालंदा बिहार के प्रमुख तीर्थ स्थल हैं। बोधगया में भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। जबकि वैशाली में भगवान महावीर स्वामी का जन्म हुआ था और पावापुरी में भगवान महावीर को महापरिनिर्वाण के बाद दफनाया गया था। बिहार में ज्यादातर तीर्थ स्थल बुद्ध धर्म और जैन धर्म से संबंधित है।  

बिहार में बौद्ध धर्म के कौन-कौन से तीर्थ स्थल हैं?

बिहार में बौद्ध धर्म के दो प्रमुख तीर्थ स्थल हैं बोधगया और राजगीर बोधगया में भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी।
जबकि राजगीर में भगवान बुद्ध ने सबसे ज्यादा समय यहीं पर बिताया था।

बिहार में जैन धर्म के कौन-कौन से तीर्थ स्थल हैं?

बिहार के वैशाली में जैन धर्म के 24 में तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी का जन्म हुआ था।
जबकि बिहार के पावापुरी में महापरिनिर्वाण के बाद उनको दफनाया गया था। 

बिहार में शिक्षा के कौन-कौन से केंद्र हैं?

नालंदा प्राचीन काल में भारत में शिक्षा का प्रमुख केंद्र हुआ करता था। लेकिन अब मुजफ्फरपुर बिहार में आधुनिक शिक्षा का प्रमुख केंद्र है। 

पटना क्यों प्रसिद्ध है?

बिहार की राजधानी पटना का पुराना नाम पाटलिपुत्र हुआ करता था जो 16 महाजनपद काल में मगध साम्राज्य की राजधानी था।

नालंदा क्यों प्रसिद्ध है?

नालंदा अपने प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के लिए प्रसिद्ध है जो की प्राचीन काल में भारत में शिक्षा का प्रमुख केंद्र हुआ करता था। 

वैशाली क्यों प्रसिद्ध है?

वैशाली में भगवान महावीर का जन्म हुआ था और वैशाली में ही भगवानबुद्ध मैं अपना अंतिम उपदेश दिया था। 

राजगीर क्यों प्रसिद्ध है?

राजगीर की स्थापना 3000 वर्ष पूर्व मानी जाती है। राजगीर जैन धर्म और बौद्ध धर्म दोनों का केंद्र है। राजगीर के राजा बिंबिसार के दरबार में भगवान बुद्ध और भगवान महावीर दोनों को संरक्षण प्राप्त था।

बोधगया क्यों प्रसिद्ध है?

बोधगया में ही फल्गु नदी के किनारे भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। बोधगया अपने महाबोधि मंदिर के लिए विश्व विख्यात है। 

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